नवनीत कुमार
गंगा नदी पर बने गांधी सेतु पुल के जर्जर हालत के बीच दीघा एवं पहलेजा के बीच गंगा नदी पर बना रेल सह सड़क पुल जेपी सेतु संकट में है. पुल पर प्रतिदिन बालू लदे सैकडों ट्रकों के जाम के कारण अत्यधिक वजन भार झेल रहे यह पुल ध्वस्त भी हो सकता है. सबसे दिलचस्प बात है कि पूरा मामला बिहार सरकार के जानकारी में होने के बाद भी इस पुल से प्रतिदिन ना सिर्फ हजरों ट्रक इससे पार हो रहे है बल्कि दो सौ से अधिक ट्रक इसपर रोजाना पार्क भी हो रहे है.

एनएचएआई के भारतमाला प्रोजेक्ट के टीम लीडर और राज्य के पथ निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता आनंद किशोर प्रसाद ने कहा कि दीघा सेतु पर ओवरलोडेड वाहनों के चलने से नुकसान पहुंच सकता है. पुल की लंबाई साढ़े चार किलोमीटर है और इतने लंबे पुल पर ट्रकों के रुकने, ब्रेक मारने और जाम से यह महात्मा गांधी सेतु की तरह हो जाएगा. भारी वाहनों के वाइब्रेशन से इस लोहे के सेतु की बीयरिंग खराब होगी. डेक स्लैब टूटेगा और लगातार परिचालन से लोहे के गर्डर को नुकसान पहुंचेगा. खड़े वाहन या ओवरलोडिंग से किसी भी लंबे सेतु को काफी नुकसान होता है.
