रांची:- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख, अण्डमान और नार्थ इस्ट में फंसे मजदूरों को चार्टर्ड प्लेन से लाने की अनुमति मांगी है। झारखंड सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी भेजा गया है। चार्टर्ड प्लेन की अनुमति के पीछे कारण यह बताया गया है कि लद्दाख, अण्डमान और नार्थ इस्ट में फंसे मजदूरों को किसी अन्य परिवहन के माध्यम जैसे बस या ट्रेन से लाना फिलहाल संभव नहीं है। इसलिए अगर गृह मंत्रालय से इन इलाकों से मजदूरों को चार्टर्ड प्लेन से लाने की अनुमति मिल जाती है तो उनकी भी सुरक्षित घर वापसी हो सकती है।
झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुमति मिकलने के बाद झारखंड में डेढ़ लाख प्रवासी मजदूरों की वापसी हो चुकी है। झारखंड सरकार ने 12 मई को भी लद्दाख, अण्डमान और नार्थ इस्ट में फंसे मजदूरों को चार्टर्ड प्लेन से लाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन लद्दाख में करीब 200, उत्तर पूर्वी राज्यों में करीब 450 श्रमिक अब भी फंसे हुए हैं, जिन्हें ट्रेन या बस से लाना फिलहाल संभव नहीं है। इसलिए गृह मंत्रालय झारखंड के मजदूरों को चार्टर्ड प्लेन से सम्मान पूर्वक लाने की अनुमति दें।
कोरोना कहर के बीच लॉक डाउन में फंसे प्रवासियों को लेकर नीतीश कुमार की तरफ से राहत के कई दावे किए गए, लेकिन यह शर्मनाक हकीकत है कि देश में सबसे ज्यादा लाचार उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर ही हैं जो सड़कों पर भूख और हादसों में मर रहे हैं. हेमंत सोरेन की इस पहल के बाद सोशल मीडिया में लोग नीतीश के सुशासन को आईना दिखा रहे हैं। बतादें कि लॉक डाउन में प्रवासियों की घर वापसी से लेकर उनके रहने खाने की व्यवस्था तक के मामलों में हेमंत सरकार की तारीफ पूरे देश में हुई है।