MUNGER:-
मुंगेर जिले में 5 जनवरी 2005 को एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने लोगों को हिलाकर रख दिया था. इसी दिन मुंगेर के तत्कालीन एसपी के सी सुरेंद्र बाबू सहित पांच पुलिसकर्मी नक्सलियों से लोहा लेने के दौरान बारूदी सुरंग की चपेट में आकर शहीद हो गए थे. तभी से हर वर्ष उनकी याद में शहादत दिवस मनाया जाता है. मुंगेर के तत्कालीन एसपी के.सी.सुरेंद्र बाबू सहित पांच पुलिसकर्मियों का आज 19वा शहादत दिवस मनाया गया. जिसमें मुंगेर के डीआईजी संजय कुमार, एसपी जगूनाथ रेड्डी, एएसपी अभियान सहित कई पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों ने वीर गति को प्राप्त जांबाजों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए नमन कर उनके बलिदान को याद किया। बताते चलें कि 5 जनवरी 2005 को मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू समेत पांच पुलिसकर्मियों की भीमबांध के सोनरवा गाँव के समीप माओवादियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर जान ले ली थी. इसमें एसपी केसी सुरेंद्र बाबू समेत 5 पुलिस कर्मी शहीद हुए थे। वही आज हवेली खड़गपुर थाना परिसर में मुंगेर के तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू समेत पांच पुलिसकर्मियों के शहादत दिवस पर पहुंचे डीआईजी संजय कुमार ने कहा कि इस अवसर पर हम गमगीन जरुर हैं, लेकिन हमारे उत्साह में कहीं कोई कमी नहीं है. आज जिस तरह पुलिस आगे बढ़ रही है और जंगल में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. डीआईजी ने लोगों से मिलने वाले सहयोग की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि आज एक साल के अंदर जंगल में पुलिस कैम्प का निर्माण किया गया और आवागमन शुरू कर दिया गया है। वही मुंगेर एसपी जगुनाथ रेड्डी ने कहा की 5 जनवरी 2005 की घटना जो हुई थी वह मुंगेर जिले की सबसे बड़ी घटना थी. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां-जहां नक्सली का प्रभाव था, वहां कई पुलिस अधिकारी व कर्मी शहीद हुए हैं. जिसमे मुंगेर जिले से तत्कालीन एसपी केसी सुरेंद्र बाबू सहित पांच पुलिस जवान शहीद हुए थे. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर बदल गई है और भीमबांध, चोरमारा और पैसरा में पुलिस कैम्प खुल जाने से यह भयावह इलाका लोगों के लिए अब पिकनिक स्पॉट बन गया है।
