ROHTAS:-
बिहार के रोहतास स्थित डालमिया नगर आवासीय क्वार्टर्स के 813 आउटसाइडर्स क्वार्टर्स में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने 6 दिसंबर तक अल्टीमेटम दिया है की अपने-अपने क्वार्टर्स को खाली कर उसकी चाबी समापक को सौंप दी जाए ऐसे में कुछ लोग अपने क्वार्टर्स को खाली तो जरूर कर रहे हैं लेकिन उनकी पीड़ा दर्द और तकलीफ साफ तौर पर चेहरे पर झलक रही है उन्हें अब अपने बच्चो के भविष्य की चिंता भी सताने लगी है ।क्वार्टर्स में रहने वाले लोग बताते हैं कि जब से डालमियानगर रोहतास उद्योग समूह की स्थापना हुई थी तब से ही वह क्वार्टर में रह रहे हैं ऐसे में बच्चे इसी क्वार्टर्स में रहकर बड़े हुए लेकिन क्वार्टर खाली करने के फरमान ने उनके पीड़ा वह दर्द को बढ़ा दिया लोग सवाल करते हैं कि आखिर अब वह इस उम्र के पड़ाव में कहां जाएंगे कहां रहेंगे कैसे अब गुजर बसर होगा ।
11 फेज में होगा क्वार्टर खाली करने का चलेगा अभियान ।
रोहतास उद्योग के ऑफिशल लिक्विडेटर के मुताबिक डालमिया नगर रोहतास उद्योग समूह के 813 आवासीय क्वार्टर्स को 11 फेज में खाली कराया जाएगा इसके लिए नोटिस को भी दीवाल पर सटा दिया गया है 7 दिसंबर से अभियान चलाया जाएगा जिसके लिए पूरी तौर पर प्रशासनिक तैयारी कर ली गई है जिसके लिए पूरे इलाके में लगातार माइकिंग कराई जा रही है वही उनके क्वार्टर्स के बाहर नोटिस भी चस्पा दिए गए हैं ।
कभी एशिया का सबसे बड़ा था फैक्ट्री था रोहतास उद्योग समूह
कभी एशिया में औद्योगिक नगरी के नाम से जाने वाला रोहतास उद्योग समूह की पहचान पेपर फैक्ट्री सीमेंट फैक्ट्री, एस्बेस्टस फैक्ट्री, चीनी,वनस्पति तेल,रसायन सहित एक ही परिसर में 13 कारखाने और 17 चीजों के उत्पादन के साथ 40 साल तक इस क्षेत्र में रौनक बनी रही लेकिन 1984 में डालमिया के समूह के नाम से मशहूर 240 एकड़ क्षेत्र में पहले रोहतास उद्योग पुंज का चिराग तब बुझ गया जब बिहार के उद्योग जगत में अंधेरा छा गया इसके बाद लोग पलायन को मजबूर हो गए ।
वहीं 25 साल बंद रहने के बाद जब रोहतास उद्योग समूह की इस बंद पड़े कारखाने को रेलवे ने खरीदा तो लोगों में आस जगी रेलवे ने यहां हाई एक्सल लोड वैगन कपलर और अन्य प्रकार के कल पुर्जों के निर्माण की औद्योगिक परिसर का 22 नवंबर 2008 को शिलान्यास हुआ लेकिन इसके बाद भी यहां उद्योग लग नहीं पाया ऐसे में यहां क्वार्टर्स में रह रहे लोगों के सामने अब क्वार्टर खाली करने के फरमान ने सोचने पर विवश कर दिया है कि वह जाएं तो जाएं कहां क्योंकि अब तो बेघर हो रहें है।
रोहतास से रूपेश कुमार की रिपोर्ट….