रांची की मात्र 9 साल की बेटी टियाना बुधिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है। टियाना ने यह कारनामा 5 अक्टूबर को 5,364 मी. की ऊंचाई फतह कर किया है। वह देश की उन बच्चियों में शामिल हो गई है, जो कम उम्र में बेस कैंप पहुंची हैं। टियाना ने पिता अनिरुद्ध बुधिया और उनके दोस्त मयंक आर्या, आदित्य बुधिया, डॉ कुशाग्र महनसरिया, अभिषेक तनेजा, हितेश भगत और कनिष्क पोद्दार के साथ 11 दिनों में 130 किलोमीटर से अधिक की पूरी यात्रा पूरी की।
टियाना ने पिता के साथ 29 सितंबर को लुक्ला (2860 मी.) से यात्रा शुरू की और गोरक शेप (5170 मी) से एवरेस्ट बेस कैंप कुंङप ग्लेशियर तक का सफर पूरा किया। टीम 8 अक्टूबर को वापस लुक्ला लौटी और यात्रा समाप्त की। टियाना ने भास्कर को बताया कि पिछले साल पापा और उनके दोस्त नेपाल के अन्नापूर्णा बेस कैंप से ट्रैकिंग कर लौटे थे। उनकी फोटो देखकर और ट्रैकिंग की स्टोरी सुनने के बाद मेरा मन भी वहां जाने को करने लगा। तभी मैंने सोचा कि अगली बार मैं भी उनके साथ जाऊंगी।
पहाड़ों पर चढ़ने की आदत डालने के लिए रोज अपने अपार्टमेंट की सीढ़ियां चढ़कर प्रैक्टिस करने लगी। शरीर मजबूत करने के लिए रोज जिम जाने लगी। अब मेरा अब अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट है।
ट्रैकिंग के दौरान मैं देखती थी कि पापा और उनके दोस्त थकने और ऑक्सीजन कम होने पर रुक जात थे। लेकिन, मैं दौड़कर आगे निकल जाती थी। पहली बार कुंबु ग्लेशियर पर दौड़ी, तो लगा कि कहीं नीचे पानी में न चली जाऊं। ट्रैकिंग के दौरान मैंने दुनिया की 6 सबसे ऊंची पर्वत चोटियों चौओयू (8201 मी), माउंट मकालू (8470 मी), माउंट ल्होत्से (8516 मी) और माउंट एवरेस्ट (8848 मी) को करीब से देखा। इस दौरा हमने खड़ी चढ़ाई की। वहां ऑक्सीजन लेवल 70 से 75% तक गिर जाता है। कपड़े और जूते पहनने में भी सांस फूलने लगती है।