PATNA : मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद बिहार का महौल अभी भी गर्म है। बता दें जहरीली शराब से मरने वाले के परिजनों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुवावजा देने का ऐलान किया है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब से हुई मौतों का संज्ञान लिया है और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया।
बता दें 6 हफ्ते के भीतर आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से जहरीली शराब से हुई मौतों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने 16 अप्रैल, 2023 को बिहार के विभिन्न जिलों में जहरीली शराब के सेवन से कई मौतों, यहां तक कि विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों की मौत की खबरें अभी भी आ रही हैं, पर एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है।
कथित जहरीली शराब त्रासदी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने मीडिया रिपोर्ट की सामग्री पर गौर किया है, यदि सही है तो, ये इंगित करती है कि राज्य सरकार, प्रथम दृष्टया, अप्रैल, 2016 से बिहार में लागू अवैध / नकली शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति के कार्यान्वयन में पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दे रही है। इस तरह की बेरोकटोक शराब त्रासदी की घटनाओं का लगातार घटित होना एक गंभीर मुद्दा है जिससे हाशिए के लोगों के जीवन के अधिकारों का हनन हो रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में भी, बिहार में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत की सूचना मिली थी, और आयोग ने मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लेने के बाद मामले की जांच के लिए अपनी टीम भेजी थी। वह मामला पहले से ही आयोग के विचाराधीन है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट