PATNA: बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) के द्वारा बीस हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि का घोटाला विभिन्न निविदाओं के माध्यम से किया गया है । निविदा में निगोसियशन के पीछे केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा बनाये गये सीवीसी कोड सीपीडब्यूडी जीएफआर/ , बीएफआर सर्कुलर को दरकिनार करते हुये पीएमसीएच पुनर्विकास परियोजना में एक हजार करोड़ रूपये का एलएनटी कंपनी से आंतरिक समझौता के तहत घोटाला किया गया जो तत्कालीन प्रधान सचिव, स्याम्प विभाग उदय सिंह कुमावत कि फाइल नोटिंग से स्पष्ट
है जिस पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय का अनुमोदन प्राप्त है । क्या यह सत्य नहीं है कि निविदा में व्यापक रूप से शामिल होने से रोकने के लिए पूर्व प्रायोजित ड्रामा किया गया जिससे कि उन्ही चहेते एजेंसी को ठिका दिया जा सके जिससे कि डील फाइनल किया जा चूका था जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को लाया गया और जिसने सरकार को एक हजार करोड़ रूपये बचाने कि बात कि उस ईमानदार अधिकारी श्री उदय सिंह कुमावत, तत्कालीन प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग को 24 घंटो के भीतर पद से हटा दिया गया तथा उन्हें इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया कि एक वर्ष बाद वे सर्विस से वीआरएस ले लिए ।
बिहार जनता जानना चाहती है कि बीएमएसआइसीएल मुख्यालय शेखपुरा, पटना अवस्थित् स्वास्थ्य भवन के निर्माण कि तकनीकी जांच में देश के सबसे प्रतिष्ठा संस्थान आईआईटी रुड़की ने भवन के निर्माण के तकनीकी जांच में निगम के प्रबंध निदेशक को क्या डायरेक्शन दिये थे बाबजूद केबिनेट से तीस करोड़ रूपये कि पुनरक्षित राशि आवंटित कर दी गई जिसका प्राकक्लन मात्र 57 करोड़ रुपये था। क्या यह सत्य नहीं कि निर्मित भवन कि आयु सिर्फ दस वर्ष अनुमानित है जो पटना में भूकंप आने कि स्थिति हुयी तो यह बिल्डिंग सबसे पहले गिरेगी जो मानको के विरुद्ध बनाया गया है जिसका निर्माण बी राय कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है जिसको पुनः शास्त्रीनगर अवस्थित एलएनजेपी हॉस्पिटल बनाने का ठिका दिलवाने में बीएमएसआइसीएल के प्रबंध निदेशक कि भूमिका अग्रणी है जिस कंपनी को वर्ष 2019 में भवन निर्माण ने काली सूचि में डाली थी जिस पर आईआईटी रुड़की ने भी सवाल खड़ा किया है ।
क्या यह सत्य नही है बीएमएसआइसीएल के मुख्य महाप्रबंधक नजरें हुसैन को पंचायती राज विभाग से स्वास्थ्य विभाग में लाकर लूट कि छूट हेतु पदस्थापित किया गया है जिनके कृत से विभाग को करोड़ो रूपये कि क्षति पहुंचाई गयी है तथा फ़ाइल को ढकने कि कोशिश कि जा रही जिन्हें आईआईटी रुड़की द्वारा किये गये तकनीकी जांच एवं कार्रवाई अग्रसारित अभिलेख कि जानकारी माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान में नहीं ला कर केबिनेट से तीस करोड़ रूपये प्रस्तावित हेतु लाकर गुमराह किया गया । सर्विदित है कि एक हजार एम्बुलेंस कि खरीदगी हेतु निकाले गये निविदा में सैकड़ो करोड़ रूपये कि लेनदेन किया गया है जिसमें एक कंपनी से तीन अलग अलग निविदा डालाये गए थे ।
इस संदर्भ में आगामी 14 अप्रैल 2023 से राज्य के सभी दस जिलों में बनाये जा रहे मेडिकल कॉलेज के समक्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे भ्रस्टाचार के विरुद्ध भ्रस्टाचार मुक्त बीएमएसआइसीएल संदेश रथ यात्रा निकाला जायेगा जो पूर्णिया, बेगूसराय जमुई, झंझारपुर समस्तीपुर, सिवान, छपरा, बक्सर, भोजपुर से होते पटना बीएमएसआइसीएल मुख्यालय पर सम्पन्न होगा जिसका निर्णय आज कार्यकारिणी कि बैठक में लिया गया समय सारणी कि घोषणा जल्द किया जाएगा ।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट