PATNA : खेतों में गेहूं की फसल तैयार हो गयी है. फसलों में दाने भी आ चुके हैं . ऐसे में बिहार के विभिन्न जिलों में तेज आंधी से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है.बता दें कि , प्रदेश के पूर्वी हिस्सों मसलन भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट है. शेष बिहार में सामान्य से मध्यम बारिश होती रहेगी. ठनका की पूरी आशंका है.
हालांकि ओला वृष्टि की आशंका काफी कम है. इसके बाद भी किसानों की जान सांसत में हैं. सोमवार को प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में लाइटनिंग के साथ 30 से 40 किमी प्रति घंटे से हवा चलेगी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार की शाम से अनुमान है कि पछुआ हवा चलने लगे. इससे मौसम साफ हो सकता है. वहीं मुख्यमंत्री ने तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से बर्बाद फसल की सर्वे कराने का निर्देश दिया है.
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दिया है कि, आने वाले चार से पांच दिनों तक गरमा सब्जी की खेती, उड़द, मूंग और ओल की खेती नहीं करें. साथ ही अच्छी बारिश की संभावना को देखते हुए फसल सिंचाई नहीं करने का सुझाव भी दिया गया है. बीते दिनों आकाशीय बिजली और ओलावृष्टि होने से शिवहर, गया, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों में फसलों के नुकसान होने से किसान काफी दुखी हैं.
मौसम दानेदार पौधों को बारिश से काफी नुकसान हुआ है। वहीं सरसों, अरहर, मसूर, खेसारी की फसल की कटाई हो चुकी है. अधिकांश जगहों पर काटी गयी फसल खेतों में ही पड़ी है. खेतों में पड़ी इन दलहनी फसलों के सड़ने की आशंका किसानों को चिंतित करने लगी है. फसलों के सड़ से उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा. वहीं सरकार की ओर से क्षति की रिपोर्ट मंगयी जा रही है. साथ ही किसानों का कहना है कि,गेहूं-दलहनी समेत आम व लीची की फसल को मिलाकर करोड़ों रुपये की फसल का नुकसान हुआ है.
पटना से सुरभि सिंह की रिपोर्ट