Patna: बिहार की जनता के समस्याओं के समाधान के लिए सीएम नीतीश समाधान यात्रा पर निकले। अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया। सरकार भी मानती है कि भूमि संबधी समस्या ज्यादा है, जिसके समाधान के लिए विभाग काम कर रही है। पुलिस प्रशासन भी जनता दरबार लगाकर ऐसे मामलो का निपटारा करते हैं। ऐसा ही एक मामला आवेदन के रूप में बिहार डीजीपी के लिखा गया है।
जिसमें पीड़ित पक्ष ने नौ साल से जिस मकान में रह रहे है उसी मकान के मकान मालिक के खिलाफ हिनियंस अपराध की शिकायत दर्ज कराई है। आवेदन की माने तो जे०-36, पी०सी० कॉलोनी कंकड़ बाग स्थित मकान का सेल एग्रीमेंट बनाया गया था। मकान की रजिस्ट्री करने के लिए अपने बीमार पत्नी के ठीक हो जाने के पश्चात तक के लिए समय भी दिया गया था। अब ढेड़ वर्ष पूर्व मकान मालिक के पुत्र विकास कुमार सेल एग्रीमेंट के अग्रिम राशि को वापस कर मकान खाली कर देने का प्रस्ताव रखा और उसका कारण बताया कि अब सेल नहीं बल्कि इसी मकान में नर्सिंग होम खोलना है।
पीड़ित कन्हैया लाल केसरी ने उनके इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया। जिसका खामियाज पीड़ित परिवार को कई रूप में भुगतना पड़ा। जिसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गई। पीड़ित पक्ष को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। माननीय न्यायालय, पटना में उनके द्वारा इस मकान को रजिस्ट्री नहीं करने के विरुद्ध एक सिविल सूट दायर कर दिया जिसका नं.-टी०एस०-1 / 2022 है। जिसमें लगभग 10 डेट पड़ा लेकिन किसी में मकान मालिक हाजिर नहीं हुए।
अब उन्होंने पुनः हमें प्रताड़ित करना शुरू किया है। सबसे पहले उन्होंने विद्युत स्वीच एवं मीटर रूम के साथ-साथ पानी पम्प स्वीच एवं सीढ़ी से छत पर जाने के रास्ते पर ताला जड़ दिया, जिसमें मेरे जैसे बुढ़े को जाड़े के दिनों में धूप से वंचित कर पानी टंकी की सफाई से वंचित कर इत्यादि नाना प्रकार से मुझे प्रताड़ित कर रहे है। फिर इस मकान में एक डाक्टर साहेब और उनकी मीसेज आकर धड़ल्ले से तोड़ फोड़ की कार्रवाई शुरू किये है।
पूछने पर वे अपना नाम पता तो बताते नहीं लेकिन यह कहते है कि मैं इस मकान को लिखवा लिया हूँ। इनकी उटपटांग बाते मेरे समझ से परे है। कारण कि जब मामला माननीय न्यायालय न्याय हेतु लंबित है तो डिसिजन के पहले दोनों पक्ष में से कोई पक्ष खरीद-बिक्री की प्रक्रिया कैसे अपना सकता है। इस तरह कानून अपने हाथ में लेकर न्यायालय की अवमानना के साथ-साथ मुझे भारी तनाव देकर मकान मालिक के लड़के हमें प्रताड़ित कर रहे है।
पीड़ित व्यक्ति ने लिखा है कि “कंकड़बाग थाना को भी इस बात की जानकारी दी गई है। प्रतिलिपि वरीय पुलिस अधीक्षक महोदय, पटना को भी दिया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसीलिए बिहार डीजीपी से गुहार लगाते हुए पीड़ित पक्ष ने प्रार्थना है कि उपरोक्त तथ्यों पर ध्यान देते हुए गहन जांचोपरांत उचित कार्रवाई करने की कृपा प्रदान करते हुए बाहरी व्यक्ति के मकान में आने जाने पर रोक लगाने की मांग की है। ”
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट
