Patna: आजकल पटना में चाय दुकान पर ट्रेंडिंग चल रही है। कभी एमबीए चाय वाले कभी बी टेक चाय वाले, तो कभी ग्रेजुएट चाय वाले, आज हम आपको उसकी ईट उस TET चाय वाले से मिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने तीन बार TET की परीक्षा पास की।
लेकिन अब तक उन्हें शिक्षक की नौकरी नसीब नहीं हुई। थक हार कर उन्होंने टीईटी पास बेरोजगार चाय दुकान के नाम से पटना के इको पार्क के पास अपनी दुकान लगा ली है। दुकान के पास लोगों का निरंतर आना जाना लगा है क्या खास है इनके चाय में आइए बात करते हैं।
तीन बार TET क्वालिफाइड है चाय स्टॉल लगाने वाला
B Tech और MBA चाय वाले के बारे में आप कई स्टोरी जानते होंगे, लेकिन इन दिनों पटना में TET क्वालिफाइड चाय वाला सुर्खियों में है। पटना के इको पार्क पास TET चाय वाले की स्टॉल है। इस शख्स का नाम राज किशोर वर्मा हैं।
टी स्टॉल चलाने से पहले प्राइवेट स्कूलों में टीचर की जॉब करता था
राज किशोर वर्मा ने बताया कि उनके स्टॉल पर साफ सफाई, चाय का प्रजेंटेशन दूसरों से अलग होगा। यहां फ्लेवरड चाय है। उन्होंने बताया कि चाय का स्टॉल का स्टार्टअप कम पूंजी में शुरू किया जा सकता है। जिनके पास भी कम पैसे हैं वह चाय स्टॉल को शुरू कर सकते हैं।
मूल रूप से नवादा जिले का रहने वाला है TET पास चाय वाला
उन्होंने बताया कि उन्हें पूरा टी स्टॉल शुरू करने में करीब एक लाख रुपये का खर्च हुआ है। बिहार तक के संवाददाता खुद इस चाय वाले के स्टॉल पर पहुंचे और उनसे सारी बातें जानने समझने की कोशिश की।
कम पूंजी लगने की वजह से शुरू की चाय की दुकान
राजकिशोर वर्मा ने बताया कि उन्होंने 3 बार TET की परीक्षा दी, लेकिन लो एकडेमिक मार्क्स होने की वजह से वह टीचर नहीं बन बाए।
चाय बेचने की वजह
दरअसल, टीचर भर्ती में मैट्रिक से लेकर टीचर ट्रेनिंग तक के मॉर्क्स को ऐड कर पर्सेंटेंज निकाला जा जाता है। राज किशोर अपने स्टॉल पर एक बैनर लगाए हुए हैं, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अवनीश शरण की तस्वीर और उनके 10वीं के मार्क्सशीट की तस्वीर लगा रखी है। अवनीश शरण को 10वीं की परीक्षा में थर्ड डिवीजन से पास हुए थे।
इसके जरिए राजकिशोर ने बिहार सरकार में टीचर भर्ती की प्रक्रिया पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि किसी एक परीक्षा से किसी के मेरिट को नहीं जांचा जा सकता है। अवनीश शरण थर्ड डिवीजन से मैट्रिक पास करके IAS तो बन सकते हैं, लेकिन वह बिहार में टीचर नहीं बन सकते हैं।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट