RANCHI: हेमंत सोरेन सरकार एक साथ दो सियासी दांव खेलने जा रही है। सरकार ने 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाया है। इसमें 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक पास कराएगी।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि ये दोनों विधेयक गेमचेंजर साबित होंगे। कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। अब गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति में छूट रहे लोगों के लिए कुछ संशोधन भी किया जा सकता है ।
झारखंड में यह पहला मौका है, जब एक साल के भीतर सरकार ने एक – एक दिन का दो विस्तारित सत्र बुलाया है। इससे पहले 5 सितंबर को एक दिन का सत्र बुलाकर सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके 67 दिन के बाद अब 11 नवंबर को दूसरी बार एक दिन का सत्र बुलाया जा रहा है। नियम के मुताबिक राज्यपाल की अनुमति के बाद ही विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। लेकिन किसी सत्र का अगर आधिकारिक तौर पर समापन न किया जाए तो स्पीकर को विस्तारित सत्र बुलाने का अधिकार होता है। सरकार ने मानसून सत्र का समापन नहीं किया था, इसलिए इस बार सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ी।
भाजपा ने भी विधायक दल की बैठक बुलाई
सत्र के दौरान विपक्ष का क्या रुख होगा , भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं । भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि गुरुवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है । इसके प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी शामिल होंगे । इसी बैठक में भाजपा अपनी रणनीति तय करेगी कि विधानसभा सत्र के दौरान उसका क्या रख होगा।
रांची से गौरी रानी की रिपोर्ट