GIRIDIH: गिरिडीह जिले के कई प्रखंडों में शिक्षा व्यवस्था को लेकर शिकायतें रहती है। आमतौर पर बच्चों के लिए शिक्षा का केन्द्र आंगनबाड़ी जिसमें अक्सर ताला लगा रहता है। अधिकारी नदारद रहते हैं। स्थानीय परिजनों की शिकायत रहती है कि अधिकारी आंगनबाड़ी में नहीं रहते। बच्चों की शिक्षा अंधाकर में दिखाई देता देख वरीय अधिकारियों को शिकायत की जाती है मगर कुछ दिन ठीक रहने के बाद फिर स्थिति जस की तस बनी रहती है।
इसी कड़ी में जिले के तिसरी प्रखंड के अंतर्गत खिरोध आंगनबाड़ी केंद्र बंद था। किचन का कमरा खुला था। जिसमें सहायिका थी। ग्रामीण महिला मंजू देवी, कलवा देवी, विंदवा देवी व सुनीता देवी ने कहा की मध्याह्न भोजन नहीं बनता है। मनमानी की तरह सप्ताह में एक दिन आती है। बच्चे को पढ़ाई नहीं है।
सेविका रिंकी देवी सहायिका, आशा देवी सेविका रोज नहीं आने से बच्चे छोटे छोटे सभी सरकारी स्कूल जाने को मजबूर है। स्कूल भेजनें से मास्टर साहब भी बच्चे को वापस भेज देते है। और बोलते है तुमलोग आंगनबाड़ी जाओ और हमेशा आंगनबाड़ी बंद रहता है। ग्रामीणों का कहना है अब हमलोग अपने बच्चे को कहां पढ़ने भेजे।
गिरिडीह तिसरी से मनोज लाल बर्नावाल की रिपोर्ट