PATNA: आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है। आज मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आज के दिन कलश स्थापना किया जा रहा है जो 9 दिनों तक चलेगा। 4 अक्टूबर को नवमी के साथ नवरात्रि की समाप्ति होगी। माँ दुर्गा के भक्त अपने तरीके से आस्था के साथ माता की पूजा करते दिख रहे। पटना में एक अनोखा भक्त भी देखने को मिला है जो अपने सीने पर माता का 21 कलश रख कर माता की आराधना कर रहा है।
पटना के पुनाइचाक स्थित नौलखा मंदिर में पिछले 26 सालों से माता के भक्त नागेश्वर बाबा शारदीय नवरात्र में 9 दिनों तक अपने सीने पर कलश रखकर माता की आराधना में जुट जाते हैं। आज मंदिर में नागेश्वर बाबा अपने सीने पर विधिवत रूप से कलश रखा, जो नवमी के हवन के साथ समाप्त होगा। इस दौरान भक्त नागेश्वर कोई भी क्रिया कर्म खाना-पीना नहीं करेंगे।
नागेश्वर बताते हैं कि अपने 36 साल की उम्र से लगातार सीने पर कलश रखकर माता की आराधना करते आ रहे हैं। शुरू में एक कलश रखे थे बाद में कलश की संख्या बढ़ती गई और आज 21 कलश सीने पर रखे हुए है। जिसकी बजन लगभग 50 किलो है। माता का आशीर्वाद है कि उन्हें कभी भी ना भूख लगा, ना प्यास लगी और ना कोई क्रिया कर्म करने की इच्छा होगी। इसके लिए नागेश्वर बाबा 2 दिन पहले से ही खाना पीना बंद कर देते हैं।
वे दसवीं तक माता की आराधना करेंगे और एकादश के रोज भोजन ग्रहण करेंगे। मंदिर के व्यवस्थापक विजय यादव ने बताया कि नागेश्वर बाबा की आस्था है और माता आस्था रखने वाले भक्तों पर कृपा बनाए रखती है। मां की कृपा ही है कि वे लगातार तप करते हुए माता की पूजा करते हैं । कोरोना काल में 2 साल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था, लेकिन नागेश्वर बाबा माता की पूजा सीने पर कलश रखकर हर साल की तरह उस कोरोना लाल में भी करते रहे हैं।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट