PATNA: बिहार में सियासी पॉलटिक्स के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार में विकास के साथ दिल्ली में विपक्ष को एकजुट कर पाएंगे नीतीश, तीन दिन सीएम टू पीएम का मास्टर प्लान कैसे होगा तैयार। क्या सीएम नीतीश का एकजुट करने का प्लान सक्सेस होगा। क्या पीएम मोदी को हटाने के मिशन दिल्ली प्लान में सफलता मिल पाएगी । क्या अकेले नीतीश कुमार बाकई भाजपा को पचास सीट पर समेटने का जो मास्टर प्लान बनाया है उसमें ये तीन दिन का दिल्ली दौरा मायने रखता है।
तो आईये सबसे पहले हम आपको बता दें कि सीएम नीतीश ने दिल्ली में किन किन नेताओं से मुलाकात की । लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद सीएम नीतीश गुरू मंत्र लेकर दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार सीपीआई
महासचिव डी राजा से नई दिल्ली में इंद्रजीत गुप्ता मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में मुलाकात की। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नई
दिल्ली मे सिविल लाइन स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से नई दिल्ली में गोल मार्केट स्थित पार्टी कार्यालय
में मुलाकात की।
बिहार में महागठबंधन में शामिल होकर सीएम नीतीश नए बिहार की कल्पना कर रहे हैं। भाजपा से अलग होकर सीएम नीतीश कुमार का न सिर्फ मोह भंग हुआ है बल्कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 50 सीट पर निपटाने की बात कह रहे हैं। जेडीयू ने अपनी पार्टी के नेता आरसीपी सिंह को बाहर का रास्ता दिखाते हुए भाजपा का एजेंट बताया जिसकी वजह से पिछले चुनाव में जदयू तीन नम्बर की पार्टी बन कर रह गई। सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली दौड़े में विपक्ष के सभी नेताओं से मिलकर एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं। ताकि भाजपा के खिलाफ अभी से ही मोर्चा खोला जा सकें। पीएम कैंडिडेट कौन होगा इससे पहले विपक्ष की एकजुटता बेहद जरूरी है।
तेलगांना से केसीआर के पटना दौरे के साथ ही इसकी शुरूआत मानी जा रही है। जेडीयू ने पार्टी के बैनर पोस्टर को बदलने के साथ ही ऐलान कर दिया है कि बिहार से ही भाजपा को पूरी तरह उखाड़ फेंका जा सकता है। वहीं भाजपा ने सीएम नीतीश के एक्शन के बाद अभी तक कोई बड़ी बात नहीं कही है। लेकिन माना जा रहा है कि केन्द्र से सीएम नीतीश को घेरने की पूरी तैयारी की जा रही है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट