PATNA: 2024 में केंद्र की सत्ता बदलने के बारे में सीएम नीतीश कुमार द्वारा किए गये दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने हास्यास्पद करार दिया. उन्होंने कहा कि जिन नीतीश कुमार जी का बैसाखी के दम पर राजनीति करने का इतिहास रहा हो और जो आज भी राजद के ‘रहमोकरम’ पर ‘परिस्थितियों के मुख्यमंत्री’ बने हुए हैं, उन्हें केंद्र की आत्मनिर्भर सरकार पर बोलने से पहले 100 बार सोचना चाहिए. नीतीश जी यह जान लें कि केंद्र की सरकार गिराना उनके बूते के बाहर की बात है. 2024 उनकी खुद की कुर्सी और राजद के चरणों में नतमस्तक उनकी पार्टी बचेगी की नहीं, उन्हें इसकी फ़िक्र करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि दरअसल नीतीश जी की यह सारी उछलकूद ‘महाठगबंधन’ में अपनी ‘इज्जत’ बचाए रखने के लिए है. नयी सरकार बनते ही जिस तरह से तेजस्वी ने ‘सुपर सीएम’ बन कर उनपर हावी होना शुरू कर दिया है, उससे उन्हें एहसास हो गया है कि उनके ‘अच्छे दिन’ अब समाप्त हो चुके हैं. नीतीश जी यह समझ चुके हैं कि आने वाले समय में तेजस्वी का दबदबा और बढ़ेगा और वह टुकुर-टुकुर देखने के बजाए कुछ नहीं कर पायेंगे. यही वजह है कि वह खुद को महाठगबंधन का बॉस दिखाने के लिए झूठी आक्रामकता दिखा रहे हैं.
डॉ जायसवाल ने कहा कि नीतीश जी को अपनी असली ताकत भी भूलनी नहीं चाहिए. उन्हें 2014 का चुनाव याद कर लेना चाहिए जिसमें अकेले लड़ने पर वह जैसे-तैसे महज दो सीटें जीत पाए थें और यदि अब उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखायी तो उनके सारे प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो जाएगी. यही उनकी वास्तविकता है जिससे राजद भी भली-भांति परिचित है.
नीतीश कुमार का राजनीतिक अवसान जल्द होने की भविष्यवाणी करते हुए बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि नीतीश जी और राजद के ठगबंधन की नींव अवसरवादिता पर टिका है और केवल जनता को ठगने के लिए है. दोनों ही अपने साथियों की पीठ में छूरा घोंपने के लिए मशहूर है. दोनों का मंसूबा केवल कुर्सी पर बने रहना है और इसके लिए दोनों ही किसी भी हद को पार कर सकते हैं. वास्तव में इस ठगबंधन में शामिल होकर नीतीश जी ने अपनी राजनीतिक समाप्ति की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं और जल्द ही उन्हें इसका परिणाम दिखना शुरू हो जाएगा.
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट