सीवान: कुछ कर गुजरने के लिए जज्बा होना चाहिए। खुद पर यकीन और सपने को पूरा करने का जुनून होना चाहिए। फिर चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति क्यों न हो लेकिन आपके जज्बा के आगे छोटी साबित होती है. बाईट दिन कुछ ऐसा ही देखने को मिला सीवान जिले के जिरादेई प्रखंड के बंधु श्रीराम गांव में जहाँ पर एक पैर से दिव्यांग प्रियांशु ने अपनी दिव्यांगता को पीछे छोड़ दिया है.वह रोजाना दो किलोमीटर पैदल एक पैर से उछलते हुए स्कुल जाती है.
सरकार से मदद की अपील करते हुए प्रियांशू का कहना है कि सरकार उसकी मदद के लिए आगे आए और उसका ऑपरेशन करवा दे. जिससे कि वह अपनी आगे की पढ़ाई-लिखाई जारी रख सके. पत्रकारों से बात करते हुए प्रियांशू कुमारी ने कहा ‘मेरा सपना, डॉक्टर बनना है.वह डॉक्टर बन कर गरीब आदमी की सेवा करना चाहती है. सरकार से मेरी अपील है कि मेरी मदद करे और मेरा ऑपरेशन करवा दें ताकि मैं आगे पढ़-लिख सकूं.
जुनून और जज्बा पर यकीन के आगे अपने एक पैर से दिव्यांग होने के बाद भी प्रियांशु कभी अपनी कमजोरी महसूस नहीं होने देती है. आपको बता दें कि 11 वर्षीय छात्रा जीरादेई प्रखंड के बनथू श्रीराम गांव की रहने वाली है. उसके पिता किसान हैं और घर मे मां गृहणी है.
-अनामिका की रिपोर्ट