PATNA: आज बिहारवासियों को रू० 13585 करोड़ की लागत से 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का सौगात मिला। इन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास नितिन
गडकरी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार के कर-कमलों द्वारा नीतीश कुमार, मुख्य मंत्री, बिहार की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महात्मा गंधी सेतु के पूर्वी लेन के उद्घाटन पर हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि काफी लम्बे समय से इस पर कार्य किया जा रहा था और यह सेतु बिहार राज्य की लाईफ लाईन है, जिसका उद्घाटन करते हुये काफी खुशी हो रही है। उन्होंने इसके इतिहास में जाते हुये कहा कि इसका पीलर काफी मजबूत है। सिर्फ कंक्रीट स्लैब को हटाने से और स्टील स्ट्रक्चर के लग जाने से इस पुल की आयु काफी लम्बी होगी। उन्होंने बताया कि तकरीबन 67 हजार टन स्टील का उपयोग इस पुल के निर्माण में किया गया है।
इसके पश्चात् एनएच-85 छपरा से सिवान होते हुए गोपालगंज तक 2 लेन सहित पेव्ड शोल्डर सड़क परियोजना जिसकी लम्बाई 94.26 किमी और लागतः रु. 1150 करोड़ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बनने से सारण प्रमण्डल वासियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर के साथ वाराणसी से संर्पक मिलेगी एवं माल की ढुलाई में बहुत सुगमता होगी, जिससे निर्माण लागत में कमी आएगी। मुख्यमंत्री बिहार एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 10651 करोड़ रूपये की योजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिसकी विवरणी निम्न है-
1.उमगॉंव से कलुआही, NH–227L,सहारघाट से रहिका, NH–227J, रहिका से रामपट्टी (मधुबनी बाईपास), NH-527A तथा विदेश्वर स्थान से भेजा, NH-527। पेव्ड
शोल्डर सहित 2 लेन सड़क परियोजना लम्बाईः 88.65 किमी, लागतः रु. 1614 करोड़। यह परियोजना भारतमाला के religious corridor के अन्तर्गत है जो दो शक्तिपीठ-उच्चैठ एवं महिषी तारापीठ जैसे मुख्य धार्मिक स्थलों को जोडती है। जहाँ लाखों तीर्थयात्री आते है। परियोजना के उन्नयन और पुनर्वास के बाद यह दरभंगा, मधुबनी और सुपौल जिले के उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी सड़क होगी। इस राजमार्ग से नेपाल के जनकपुर धाम सुगमता से जाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। यह पैकेज नेपाल सीमा के निकट से कोसी सेतु होते हुए मधुबनी जिला को सुपौल जिला से जोड़ती है।
2. NH संख्या 02 के औरंगाबाद से चोरदाहा/झारखंड बोर्डर खण्ड तक का चार से छः लेन सड़क परियोजना लम्बाईः 69.53 किमी, लागतः रु. 1508 करोड़। इन परियोजनाओं के पूर्ण किये जाने से राज्य की एक अतिमहत्त्वपूर्ण परियोजना है जो कि दिल्ली से कोलकाता के मार्ग को जोड़ती है और यह एक अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग भी कहलाता हैं जो कि दिल्ली से कोलकाता में प्रवेश करती है जिसे एशियन हाईवे (ए0एच-1) कहा जाता है।
3.गोपालगंज शहर में NH-27के फ्लाईओवर (एलिवेटेड 4-लेन) परियोजना का निर्माण कार्य, लम्बाई 2.75 किमी, लागत रू0 185 करोड़ उक्त एलिवेटेड पुल के लिए संवेदक का
चयन कर लिया गया है एवं साथ ही निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त पथ बन जाने से बौद्ध धर्म के लोग कुशीनगर से गोपालगंज शहर होते हुए रामपुर खजुरिया मार्ग
से गया के लिए आवागमन आसान हो जायेगा। गोपालगंज शहर के पास ही माँ थावे भवानी का भी मंदिर है, इस मार्ग से माँ थावे भवानी के श्रद्धालु भक्त भी आसानी से मंदिर तक
आवागमन कर सकते हैं।
4.बेगुसराय शहर में 4 लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर के सड़क परियोजना का निर्माण कार्य, लम्बाईः 4.23 किमी, लागतः रु. 256 करोड़़ बेगूसराय जिला में राज्य सरकार/केन्द्र सरकार
के अनेकों उद्योग अवस्थित है, जिस कारण इसे एक अतिमहत्त्वपूर्ण परियोजना बनाती है। इस परियोजना के बनने से बेगूसराय जिला में अन्य राज्यों से आनेवाले वाहनों एव यहाँ से
अन्य जगहों/ राज्यों को जानेवाले वाहनों के यातायात को सुगम एवं सुरक्षित बनायेगा। जिससे इस क्षेत्र की सामाजिक एवं आर्थिक विकास में वृद्धि मिलेगी।
5.जयनगर बाइपास पर 2 लेन अप्रोच के साथ आरओबी परियोजना लम्बाईः 1.00 किमी, लागतः रु. 70 करोड़ भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित होने के कारण
सामरिक, व्यवसायिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से जयनगर एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसके कारण यहाँ पर देश के विभिन्न राज्यो से नेपाल आने-जाने वाले यातायात का दवाब रहता है।
जनकपुर (नेपाल) जाने वाले रेलमार्ग पर इस सड़क उपरी पुल परियोजना के निर्माण से जयनगर में यातायात सुगम एवं सुरक्षित हो सकेगा।
6.पेव्ड शोल्डर सहित 2 लेन एम्स (पटना) -नौबतपुर सड़क परियोजना लम्बाईः 10.84 किमी, लागतः रु. 88 करोड NH-98 पर एम्स (पटना) से नौबतपुर तक पेव्ड शोल्डर सहित अतिरिक्त दो-लेन सड़क निर्माण से पटना शहर की यातायात व्यवस्था सुदृढ़ होगी तथा पटना रिंग रोड से पटना शहर के अंदर आने वाले यातायात को एक सुगम मार्ग उपलब्ध
होगा। हिन्दुस्तान का सबसे लंबा 5.6 कि०मी० लम्बा स्टील ब्रीज है। इस ब्रिज के निर्माण में 67000 टन स्टील का उपयोग किया गया है। जिसे भारत में बनाया गया था।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट