गया : जिले के कोंच थाना के सिंदुआरी गांव में बुधवार को पुरानी रंजिश में दो लोगों की हत्या कर दी गई जबकि दो लोग गोली लगने की वजह से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. ब्रहम्जनों पर हुआ यह जुल्म न सिर्फ जघन्य अपराध है बल्कि कोरोना कहर और लॉक डाउन के दौरान हुई वारदात पूरे सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े करती है. सामूहिक हत्याकांड के पीछे मुख्य आरोपी राकेश यादव को बताया जा रहा है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि राकेश यादव इलाके में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए लंबे वक्त से कानून को अपने हाथ में लेकर लोगों पर जुल्म ढाता रहा है. लोगों की माने तो राकेश यादव को प्रशासन और सत्ता का संरक्षण भी प्राप्त है यही वजह है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस खूनी वारदात को अंजाम दिया.
घटना के बाद पुलिस ने दबाव में आकर आरोपी को गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन पीड़ित परिवार के न्याय को लेकर अब भी सवाल बने हुए हैं. बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने इस वारदात की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. सच्चिदानंद राय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ स्पीड ट्रायल चलाकर उन्हें उनके गुनाहों की मुकम्मल सजा दी जानी चाहिए.
इतना ही नहीं आरोपी राकेश यादव के अपराधिक इतिहास पर गौर फरमाते हुए सच्चिदानंद राय ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इलाके में वर्चस्व कायम करने का मंसूबा रखने वाले राकेश यादव को शासन और प्रशासन की तरफ से वे कौन लोग हैं जो उसे संरक्षित और पोषित करते रहे हैं. सच्चिदानंद राय का कहना है कि इस हमले में घायलों के उचित इलाज से लेकर पीड़ितो को न्याय दिलाने तक वह उनके साथ हैं.
बता दें कि इस अपराध का मुख्य आरोपी राकेश गया युवा जदयू का जिला महासचिव है. पिछले साल 17 जून को एक यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद प्रसाद वितरण को लेकर राम शर्मा और जदयू नेता राकेश यादव के बीच विवाद हो गया था. उस दौरान भी मारपीट हुई थी जिसमें छह लोग घायल हो गए थे.
इसी बीच बुधवार को सिंदुआरी गांव से कोंच बाजार खरीदारी करने गए राकेश यादव के भतीजे के साथ राम शर्मा के लोगों के बीच मारपीट हुई. इसके बाद राकेश यादव, विमलेश यादव और रामबालक यादव हथियार के साथ सिंदुआरी गांव आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. जिसमें उदय शर्मा, गिरिजेश शर्मा, श्रीनाथ शर्मा और वीरेंद्र शर्मा को गोली लग गई. जिसमें उदय की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि गिरिजेश ने इलाज के लिए पटना आने के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं श्रीनाथ के पैर में गोली लगी है और वीरेंद्र के पेट में गोली लगी है.