रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का लगातार खराब हो रही शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा बयान सामने आया है. बीते दिन बोकारो में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शिक्षा मंत्री ने बच्चों की कमतर पढ़ाई-लिखाई का स्तर जांचने के बाद शिक्षा विभाग और शिक्षकों को जमकर हड़काया. उन्हें साफ शब्दों में कहा गया है कि शिक्षा में सुधार की बहुत गुंजाइश बाकी है. ऐसे में अगर आप सरकारी स्कूलों को बेहतर नहीं बना सकते तो सरकार इन स्कूलों को निजी हाथों में सौंप देगी. ताकि बच्चों को सुनहरा भविष्य दे सकें.
शिक्षा मंत्री ने दुगदा उत्क्रमित मध्य विद्यालय का निरीक्षण करने के क्रम में वहां कई कमियां देखीं. जिसे अविलंब दूर करने को कहा गया. फिलहाल, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं. बीते दिन करीब 12 बजे शिक्षा मंत्री ने चंद्रपुरा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दुगदा चंदुआडीह का निरीक्षण किया.
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पर प्रधानाध्यापिका रंजू कुमारी सिंह से विद्यालय का रजिस्टर मांगा और जांच की. मंत्री ने शिक्षण व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने की कड़ी हिदायत दी. शिक्षा मंत्री ने यहां हेडमास्टर से पूछा कि एक बच्चे पर सरकार प्रतिवर्ष कितना खर्च करती है, तो वह जवाब नहीं दे सकी. तब मंत्री ने कहा कि सरकार एक साल में एक बच्चा पर 22 हजार रुपए खर्च करती है. ऐसे में अगर बच्चों को अच्छीं और सच्ची शिक्षा नहीं देंगे तो विद्यालय को निजी संस्थानों को सौंपा दिया जाएगा.
स्कूलों के निरीक्षण के क्रम में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विद्यालय के कक्षा छह के छात्र रूपेश कुमार से उनके कोर्स से जुड़ा सवाल किया. इस क्रम में मंत्री ने विद्यालय के अन्य विद्यार्थियों से भी एक-एक कर कई सवाल पूछे. लेकिन किसी भी छात्र ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इस पर प्रधानाध्यापिका रंजू कुमारी सिंह को शिक्षा मंत्री ने शिक्षण व्यवस्था में सुधार लाने की कड़ी हिदायत दी. उन्होंने विद्यालय के अस्त-व्यस्त कमरे व जर्जर छज्जा की हालत देखकर जल्दी ही मरम्मत कराने की सलाह दी. विद्यालय के चहारदीवारी निर्माण का प्रस्ताव भी जिला शिक्षा कार्यालय भेजने का निर्देश दिया.
इधर, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मंगलवार सुबह छह बजकर पांच मिनट पर चंद्रपुरा प्रखंड के तारमी पंचायत के नव प्राथमिक विद्यालय भंडारीदह के स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे. यहां उन्हें विद्यालय में ताला बंद मिला. जबकि स्कूल को नए समय सारिणी के हिसाब से सुबह छह बजे खुल जाना चाहिए था. लापरवाही की हालत देख यहां शिक्षा मंत्री ने स्कूल के गेट में दूसरा ताला लगवा दिया. थोड़ी देर बाद जब मौके पर विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापिका ललिता कुमारी पहुंची, तो शिक्षा मंत्री ने कायदे से उनकी क्लास लगा दी. हेडमास्टर ने आगे से समय पर स्कूल खोलने का भरोसा दिया, तब शिक्षा मंत्री ने ताला खुलवा दिया.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लापरवाह रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को हर हाल में सुधारना होगा. इसके लिए जो बन पड़ेगा वह सरकार करेगी. शिक्षक यथासंभव इस कार्य में सरकार को सहयोग करें. उन्होंने कहा कि स्कूलों में जो भी समस्याएं हैं उसका निदान तुरंत किया जाएगा.
गौरी रानी की रिपोर्ट