नई दिल्ली : मार्च महीने में महंगाई में फिर से बढ़ोतरी आई है. मार्च 2022 महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 14.55 फीसदी रही है. जबकि फरवरी 2022 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 13.11 फीसदी रही थी. थोक महंगाई दर का चार महीने का ये उच्चतम स्तर है. जनवरी 2022 में महंगाई दर 12.96 फीसदी रही थी. चिंता की बात ये है कि महंगाई दर बीते एक सालों से लगातार दहाई के आंकड़ें में है. मार्च 2021 में थोक आधारित महंगाई दर 7.89 फीसदी पर था.
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, मार्च 2022 महीने में महंगाई दर की मुख्य वजह पेट्रोलियम नैचुरल गैस, मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स की कीमतों में तेजी है जो रूस यूक्रेन युद्ध के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में पड़े व्यवधान से पैदा हुआ है. मार्च महीने में खाद्य महंगाई दर में तेजी है. इस दौरान खाद्य महंगाई दर 8.47 फीसदी से बढ़कर 8.71 फीसदी पर जा पहुंचा है. आलू के थोक आधारित महंगाई दर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. आलू का महंगाई दर 14.78 फीसदी से बढ़कर 24.62 फीसदी पर जा पहुंचा है. फ्यूल और पावर के महंगाई दर पर नजर डालें तो फऱवरी 2022 से जहां से 31.50 फीसदी था जो बढ़कर 34.52 फीसदी पर जा पहुंचा है.
मार्च महीने में प्राइमरी आर्टिकल्स से जुड़े बास्केट का महंगाई 13.39 फीसदी से बढ़कर 15.54 फीसदी पर जा पहुंचा है. रूस यूक्रेन तनाव के चलते क्रूड, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस बास्केट में 21.18 फीसदी, मिनरल्स के महंगाई दर में 9.72 फीसदी, नॉन फूड आर्टिकल्स की कीमतें 2.94 फीसदी के दर से बढ़ी है. इससे पहले मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रहा था. खुदरा महंगाई दर का ये आंकड़ा 18 महीने का सबसे उच्चतम स्तर है. खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर जा पहुंचा है जो आरबीआई के महंगाई दर के तय किए अपर लिमिट 6 फीसदी से ज्यादा है. एनएसओ के डाटा के मुताबिक, शहरी इलाकों में महंगाई में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है.