द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने बिहारियों पर रहे जानलेवा हमला को लेकर चिंता जतायी. तेजस्वी ने कहा कि कश्मीर में बिहारियों को सुरक्षा मिलनी चाहिए और सरकार बिहारियों पर हमला करने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि अगर बिहार में पढ़ाई, दवाई और कमाई का रोजगार हो गया होता तो यह लोग आज जम्मू कश्मीर नहीं जाते. वहीं तेजस्वी ने तकनीकी सेवा आयोग से जो अभ्यर्थी आए हैं उनके पूरे सबूत को देखने के बाद वह इस मामले पर आगे की रणनीति बनाएंगे, उनके साथ गलत क्यों हुआ है.
बिहार में बढ़ते अपराध और अब एके-47 से हमले पर उन्होंने कहा कि जब राज्य का मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं है. किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं. शराबबंदी कानून में संशोधन पर कहा कि कितनी बार संशोधन करेंगे. एक बात तो साफ हो गई है कि बिहार सरकार शराबबंदी कानून का पालन करने में पूरी तरह विफल हो गई है. कानून में संशोधन पर हमें कुछ नहीं कहना है लेकिन सरकार की शराबबंदी कानून पूरी तर फेल हो गई है. लगातार बाहर से शराब आ रही है. जहरीली शराब के सेवन से कई जगह लोगों की मौत हो रही है. असल में इस कानून से राज्य के लोगों को उलझाया जा रहा है. वहीं, इसके आड़ में पैरेलल इकोनॉमी खड़ी की जा रही है.
बता दें कि बिहार मद्य निषेद्य और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2022 को सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है. संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए हैं. नए कानून के तहत शराब पीकर पकड़े जाने पर दो-पांच हजार रुपए के बीच जुर्माना देना होगा. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल हो सकती है. पहले जुर्माना 50 हजार था. लेकिन अब ये नियम बदल गया है.
बार-बार हो रही थी फजीहत
गौरतलब है कि शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत के बाद नीतीश सरकार ने इसमें संशोधन किया है. नए शराबबंदी कानून में पहली बार शराब पीने वालों को छूट दी गई है. पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा. हालांकि, जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी. लेकिन बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने पर यह नियम लागू नहीं होगा. वैसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट