पटना:- एक तरफ जहां लॉकडाउन की वजह से लोग पहले से ही आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं वहीं पटना के निजी स्कूल अभिभावकों पर अप्रैल और मई महीने की फीस जमा करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। इसके लिए बकायदा निजी स्कूलों की तरफ से सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाकर फीस के लिए अभिभावकों को लगातार मैसेज भेजे जा रहे हैं और उन्हें ऑनलाइन पैमेंट के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानियों के किस्से हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। सरकार के आदेशों को ठेंगे पर रखने वाले निजी स्कूल महामारी के दौर में भी बाज नहीं आ रहे। सरकार ने पिछले महीने ही विभागीय पत्र जारी करते हुए मानवीय आधार पर निजी स्कूलों ने फीस न लेने की बात कही थी। बावजूद इसके कोई भी निजी स्कूल सरकार की बात मानने को तैयार नहीं है।
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर एक तरफ जहां अभिभावक परेशान हैं कि तंगी के इस दौर में इतने पैसे कहां से लाएं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल लगातार दबाव बनाये हुए है। कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जो ऑनलाइन क्लास के नाम पर सिर्फ प्रश्न भेजकर अपनी जिम्मेवारी को पूरी कर रहे हैं, यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए अभिभावकों को यह बताने की कोशिश हो रही है कि लॉकडाउन में भी ऑनलाइन क्लास जारी है।
निजी स्कूलों की मनमानी पर अब बिहार की सियासत गरमा गई है। विपक्ष इस मसले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं इस पूरे मसले पर लोगों के आक्रोश और परेशानी को देखते हुए सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही इस दिशा में नया आदेश जारी किया जाएगा।
बिहार सरकार का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान फीस वसूली के लिए कोई भी स्कूल किसी पर दबाव नहीं बना सकता, फिलहाल पुराने आदेशों के तहत स्कूलों को फीस लेने पर रोक तो नहीं लगी है लेकिन सरकार की तरफ से सख्त आदेश है कि अगर कोई निजी स्कूल फीस के लिए दबाव बनाये या फिर फीस जमा न करने की स्थिति में बच्चों को स्कूल से बेदखल करे तो फिर उन स्कूलों के खिलाफ सख्त विभागीय अथवा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मसले पर पटना के डीएम कुमार रवि का कहना है कि सरकार के पूर्व के आदेश के तहत निजी स्कूलों से मार्च-अप्रैल माह की फीस न वसूलने का अनुरोध किया गया है। निजी स्कूल चाहें तो फीस जमा करने के लिए अभिभावकों से आग्रह कर सकते हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन आदेश जारी नहीं कर सकता। निजी स्कूलों के आग्रह को मानना अथवा न मानना अभिभावकों के आर्थिक हालात पर निर्भर करता है।
डीएम ने साफ तौर पर कहा कि निजी स्कूलों को फीस मांगने का अधिकार तो है लेकिन दबाव बनाकर वसूली का अधिकार नहीं है। डीएम कुमार रवि का कहना है कि स्कूल अगर किसी अभिभावक पर लॉक डाउन के अवधि में फीस जमा कराने का दबाव बनाएंगे या भविष्य में फीस न जमा करने वाले बच्चों के खिलाफ किसी तरह की सख्ती बरतते हुए स्कूल से नामांकण रद्द करेंगे तो फिर वैसे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का आदेश सरकार की तरफ से स्पष्ट है।
जाहिर है कि मौजूदा सरकारी नियम के तहत बिहार के निजी स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान फीस मांगने पर किसी तरह की पाबंदी तो नहीं लगाई गई है लेकिन सरकारी आदेश में यह भी स्पष्ट है कि स्कूल किसी पर फीस जमा करने के लिए न तो दबाव बना सकता है और न ही किसी तरह की कार्रवाई कर सकता है, ऐसे में फीस जमा करना अथवा न करना अभिभावकों के विवेक और आर्थिक हालात पर निर्भर करता है।