रांची : झारखंड बजट सत्र 2022 के लिए आज यानी मंगलवार को झारखंड विधानसभा में कार्यवाही चल रही है. इसी दौरान झारखंड विधानसभा के बाहर झारखंड कांग्रेस के विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर विवादित बयान दिया है. कांग्रेस विधायक डा. इरफान अंसारी ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं कहना चाहता, पर लगता है कि भाजपा अब कोर्ट भी चला रही है. दरअसल, हिजाब मामले पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने फैसले में हिजाब मामले की याचिका को खारिज कर दिया है.
आपको बता दें कि, कर्नाटक में हिजाब का विरोध इस साल जनवरी में शुरू हुआ. जब राज्य के उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कालेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है. विरोध के दौरान कुछ छात्रों ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कालेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था.
ड्रेस कोड का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के विश्वास में हस्तक्षेप करना नहीं
एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हिजाब को प्रतिबंधित करने वाले ड्रेस कोड के बारे में एक कालेज के फैसले का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के विश्वास में हस्तक्षेप करना नहीं है. इसे कालेजों और स्कूलों जैसे बड़े और अधिक रचनात्मक प्लेटफार्मों के माध्यम से एक एकजुट राष्ट्र बनाने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए. शैक्षणिक संस्थान समान पोशाक, पाठ्यक्रम और गतिविधियों सहित समान अवसरों के माध्यम से आपस में समानता बनाना चाहते हैं. कालेज और स्कूल भारत की विविधता और बहुलवाद के बीच एक सामूहिक विकल्प विकसित करने का प्रयास कर रहा है.
स्कार्फ या हिजाब विवाद का मुद्दा हाल के दिनों में अधिक बार उठा
हालांकि, स्कार्फ या हिजाब विवाद का मुद्दा हाल के दिनों में अधिक बार उठा है. क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि कुछ लोग अपने बंटवारे के खेल के लिए आम तौर पर मुसलमानों और विशेष रूप से लड़कियों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. शैक्षिक संस्थानों में समान ड्रेस कोड और पाठ्यक्रम जैसे प्रतीकों का उपयोग करने का समान विचार छात्र समुदाय के बीच परिक्षेत्रों के निर्माण को रोकना है. जो स्वस्थ और प्रगतिशील आदान-प्रदान और बातचीत को बाधित करता है.
गौरी रानी की रिपोर्ट