रांची : कांग्रेस के भितरखाने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान के बाद सुगबुगाहट भले ही तेज हो गई है, लेकिन ज्यादातर विधायक इस मामले में पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं. गौरतलब है कि बन्ना गुप्ता ने कांग्रेस के पारसनाथ चिंतन शिविर में मंगलवार को यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस का वोट बैंक झामुमो में शिफ्ट कराना चाहते हैं. गठबंधन कांग्रेस के हित में नहीं है.
बन्ना के बयान से भाजपा को मिलेगा लाभ : इरफान
जामताड़ा के कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डा. इरफान अंसारी उनके इस बयान पर खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने बन्ना गुप्ता को चुनौती देते हुए कहा कि मंत्री बनने का मौका मिला है तो उन्हें परफार्म कर दिखाना चाहिए. सरकार और मुख्यमंत्री को लेकर उनके विचार व्यक्तिगत हो सकते हैं और यह पार्टी का विचार नहीं है. बन्ना गुप्ता के बयान से संगठन और सरकार के संबंध में गलत संदेश जा रहा है. इसका लाभ भाजपा को मिलेगा.
कहा- रघुवर के शासन में होते तो पता चलता अंतर
इरफान अंसारी ने कहा कि अगर बन्ना गुप्ता रघुवर दास के शासनकाल में विधायक होते तो अंतर का पता चलता. हेमंत सोरेन ने कभी किसी से गलत व्यवहार नहीं किया. रघुवर दास विधायकों और मंत्रियों को डांट-फटकार लगाया करते थे. अधिकारियों के साथ भी गलत तरीके से पेश आते थे. डीसी-एसपी को डांटते थे. हेमंत सोरेन ने सबको सम्मान दिया. मंत्री बन्ना गुप्ता को काम करने का मौका मिला है. उन्होंने गलत तरीके से बातें उठाई हैं. हेमंत सोरेन बेस्ट सीएम हैं. यह भी कहा कि घोड़े की लगाम बन्ना गुप्ता को दी गई है, लेकिन वे संचालन ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं और दोष मढ़ रहे हैं. इससे काम नहीं चलने वाला है.
बन्ना के बयान पर विधायक नहीं मुखर
उधर, कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में भाषा से संबंधित कोई विवाद नहीं है. मुझे इस विषय में कुछ नहीं कहना है. उधर, विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि यह कांग्रेस की अदंरूनी बैठक थी. उनके मन में कोई बात आई तो उन्होंने व्यक्त किया. पार्टी का यह आधिकारिक स्टैंड नहीं है. उधर, विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं बता सकते. बाद में बताते हैं.
गौरी रानी की रिपोर्ट