द एचडी न्यूज डेस्क : गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से एक बहुत बड़ी खबर आ रही है. अहमदाबाद ब्लास्ट केस में सजा का ऐलान हो गया है. अहमदाबाद के सिविल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एआर पटेल ने 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है जबकि बाकी 11 दोषियों को उम्र कैद हुई है. इस मामले में 49 अभियुक्तों थे. देश के इतिहास में एक साथ इतनी फांसी की सजा सुनायी गयी है. 2008 में अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुआ था. जिसमें 56 लोगों की मौत हुई थी. दोषियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और यूएपीए के तहत दोषी करार दिया गया है.
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में, 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे. अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद, गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य को बरी कर दिया गया था. सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं और अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया था.
अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी. विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था. पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं. आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी.
आतंकियों ने टिफिन में बम रखकर उसे साइकिल पर रख दिया था. भीड़ भाड़ और बाजार वाली जगहों पर ये धमाके हुए थे. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (एसआईएमआई) से जुड़े आतंकी शामिल थे. धमाकों से पांच मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को एक मेल भी किया था जिसमें लिखा था कि जो चाहो कर लो. रोक सकते हो तो रोक लो.