पटना:- लॉकडाउन को लेकर बिहार की सियासत में ठन गई है। भाजपा और जदयू आमने सामने है। एक दूसरे पर आरोपों का दौर भी शुरु हो चुका है। लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी और भाजपा में तनातनी नजर आ रही है। राज्य इकाई के अध्यक्ष सहित भाजपा के कई नेताओं ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वहीं, भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने लॉकडाउन से निपटने के नीतीश मॉडल को सबसे प्रभावी बताया है। दोनों पार्टियों में तकरार भाजपा के बिहार अध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा एक फेसबुक पोस्ट में प्रवासी मुद्दे से निपटने में राज्य सरकार के दृष्टिकोण पर सवाल उठाने के बाद आई। जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार के साथ समस्या यह है कि उनका कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने यह स्पष्ट नहीं करता है कि किस जोन में किस तरह की दुकानें खुलेंगी या कौन सी ट्रेन बिहार आ रही है और कहां पंजीकरण करवाना है।
पश्चिम चंपारण से सांसद जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार के रवैये के परिणामस्वरूप, लोग सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ पोस्ट कर रहे हैं। यूपी में योगी सरकार से बिहार सरकार को सबक लेना चाहिए। यूपी के मुख्य सचिव मीडिया को बहुत अच्छी तरह से बताते हैं। वहीं, एमएलसी नवल किशोर यादव के नेतृत्व में भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार से बेहतर देश में कोई सीएम नहीं है। योगी सरकार से सीख लेने पर उन्होंने कहा कि मुझे योगी सरकार के काम के बारे में कुछ भी नहीं पता है। नीतीश कुमार एक बेहतर सीएम हैं, यही वजह है कि भाजपा उनका समर्थन कर रही है।
जदयू ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री लोकलुभावन उपायों में विश्वास नहीं करते हैं। पार्टी के महासचिव केसी त्यागी कहा कि बिहार ने उन गलतियों को नहीं किया है जो यूपी या पंजाब ने कीं। बिहार के सीएम के उपाय यूपी और पंजाब की तुलना में अधिक सुरक्षात्मक और अधिक जवाबदेह हैं।