नई दिल्ली : देश में जानलेवा कोरोना वायरस फिर पैर पसार रहा है. कल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के खतरे को लेकर चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की अपील की. इस बीच आज खबर आई है कि कोरोना के वक्त में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है. तीन दिन बाद यानि 27 दिसंबर को चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव के साथ कोरोना के हालात में चुनाव को लेकर बैठक करने वाला है.
दरअसल, देश में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश में कोरोना की तीसरी लहर का सामना ना करना पड़े, इसीलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की है कि रैलियों पर रोक लगाई जाए और चुनाव टालने पर भी विचार किया जाए. चुनाव वाले पांच राज्यों में सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश को लेकर है, जहां रैलियों में भीड़ का रेला नजर आ रहा है.
जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां और सभाएं होती रहेंगी – हाई कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां और सभाएं होती रहेंगी. संविधान का अनुच्छेद 21 हमें जीवन का अधिकार भी देता है. रोजाना कोरोना के आंकड़े का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा है कि खतरा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं ज्यादा भयावह होगा. हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत जैसे विशाल देश में मुफ्त टीकाकरण का जो अभियान चालाया, होईकोर्ट उसकी तारीफ करता है.
देश में जानलेवा कोरोना वायरस के खतरनाक ओमिक्रोन वेरिएंट से अब तक 341 लोग संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को भी सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी. ओमिक्रोन के खतरे के बीच कोरोना की आने वाली लहर के खिलाफ देश का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कितना तैयार है, पीएम मोदी ने इस बात का पूरा अपडेट लिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा?
विधानसभा चुनाव की वजह से तीसरी लहर फैलने से रोका जाए.
राजनीतिक पार्टियों की भीड़ वाली रैलियों पर रोक लगाई जाए.
टीवी और अखबारों की मदद से चुनाव प्रचार को कहा जाए.
रैलियों और चुनावी सभाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.
प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, जान है तो जहान है.