रांची : झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले आंदोलन के 51वें जेपीएससी आयोग का शव यात्रा निकालकर अंतिम दाह संस्कार किया गया. जिसमें झारखंड के विभिन्न जिलों से हजारों छात्र शामिल हुए. मौके पर जेएसएसयू अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने बताया कि जेपीएससी का रखवाला ही जेपीएससी का हत्या कर दिया, जेपीएससी मर चुका है. इसीलिए जेपीएससी आयोग को 51 दिनों से चल रहे आंदोलन से सुनाई नहीं नहीं पड़ रहा है. जेपीएससी को झाल फांस संयोग कमिशन कचड़ा का डब्बा भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया. सिर्फ सेटिंग गेटिंग पैरवी पुत्रों को चयनित करके अधिकारी बना रहा है. इसीलिए जेपीएससी का शव यात्रा निकालकर अंतिम दाह संस्कार किया गया.
कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस का छावनी राजभवन से हरमू मुक्ति धाम तक बिछ गई थी. राजभवन से मुक्ति धाम के लिए शव यात्रा निकालते ही पुलिस राजभवन में ही रोक दी. सभी छात्र राजभवन के समक्ष ही विधि-विधान से जेपीएससी का दाह संस्कार कर दिया. जेपीएससी आंदोलन के नेतृत्वकर्ता देवेंद्र नाथ महतो ने जेपीएससी आयोग के शव को मुखाग्नि देकर मुंडन कराया. उपस्थित सभी लोगों के गुड़ दही चुवारा के रूप में भोज खिलाया गया.
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षाफल रद्द करते हुए जेपीएससी झाल फांस संयोग कमिशन का अंतिम संस्कार हो गया. अब झारखंड में झारखंड के शहीदों के सपनों का झारखंड, झारखंड के आंदोलनकारियों के अरमानों का झारखंड, झारखंड के जनता का जनाकांक्षा के झारखंड के अनुरूप जेपीएससी झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन का पुनर्गठन किया जाएगा. जो झारखंड के पढ़ने लिखने वाले किसान मजदूर आदिवासी मूलवासी, खेत खलिहान में काम करने वाले, जंगल झाड़ में काम करने वाले, लेबर कुली मिस्त्री का काम करने वाले, टेंपू रिक्सा चलाने वाले के बच्चों का राज्य के अधिकारी के रूप में चयनित किया जाएगा.
गौरी रानी की रिपोर्ट