पटना: बैंकों से कर्ज लेकर हजम करने वाले देश के 50 सबसे बड़े बकायेदारों से पैसा वसूली की आस छोड़ दी गई है। बैंकों ने इन लोगों के पास कर्ज के रूप में फंसे 68,607 करोड़ रुपये को तकनीकी तौर पर राइट ऑफ (बट्टे खाते में डालना) कर दिया है। इस सूची में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी पहले नंबर पर है, जबकि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का नाम भी इसमें शामिल है।
आरबीआई ने बताया कि 30 सितंबर, 2019 तक कई बड़े विलफुल डिफॉल्टरों पर 68,607 करोड़ रुपये बकाया था। इस रकम को तकनीकी तौर पर राइटऑफ कर दिया गया।
आरबीआई के इस फैसले पर आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि कोरोना से लड़ने के लिए बनाए गए पीएम केयर फंड और कर्मचारियों के भत्ते के पैसे से फरार भगौड़ों को राहत दी गई है।