रांची : झारखंड सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट में अपने मंत्रियों के लिए एक निर्णय लिया है. इस निर्णय में मंत्रियों के लिए स्मार्ट सिटी परिसर में अत्याधुनिक सुविधा से लैस बंगला बनेगा. लगभग 70 करोड़ रुपये में 11 मंत्रियों के लिए बंगले बनाए जाएंगे. स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में चिन्हित किए गए प्लॉट नंबर एक के दस एकड़ जमीन पर मंत्रियों के लिए बंगले बनेंगे.
बंगलों के निर्माण के लिए 69,90,94,000 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है. मंत्रियों का बंगला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. आपको बता दें कि 11 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री ने समीक्षात्मक बैठक में स्मार्ट सिटी क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट पार्क के लिए चिन्हित जमीन पर मंत्रियों के बंगलों का निर्माण करने का निर्देश दिया था.
जी-1 कैटेगरी के होंगे
परिसर में मेन एंट्रेंस, पार्किंग, इंट्रेंस प्लाजा, नॉर्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यु, 11 बंगले, क्लब हाउस, बॉलीबॉल कोर्ट, लॉन, बच्चों के खेल का मैदान, बैरक और सर्विस इंट्री होगा. आवासीय भवनों को दो भागों में बांटा गया है. इसमें एक भाग रेसिडेंशियल ब्लॉक और दूसरा भाग एनेक्स ब्लॉक होगा. रेसिडेंशियल ब्लॉक जी-1 कैटेगरी के होंगे, इसमें बालकनी और ओपन टेरेस होगा. एनेक्स ब्लॉक में ऑफिस ब्लॉक, सर्वेंट ब्लॉक और गैरेज होंगे। क्लब हाउस भी जी-1 कैटेगरी का होगा. वहीं गार्ड बैरक सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर ही होंगे. मंत्रियों के सभी 11 बंगलों का क्षेत्रफल 16,321 स्क्वायर फीट का होगा. रेसिडेंशियल ब्लॉक 7,425.00 स्क्वायर फिट, ग्राउंड फ्लोर 3,740,00 स्क्वायर फिट, बालकनी और ओपन टेरेस के साथ फर्स्ट फ्लोर 3,685 स्क्वायर फिट, ऑफिस ब्लॉक 1,285 स्क्वायर फिट, सर्वेंट ब्लॉक 835 स्क्वायर फिट, और गैरेज 300 स्क्वायर फिट, का होगा. रेसिडेंशियल ब्लॉक के फर्स्ट फ्लोर पर एंट्रेंस गैलरी, ड्राइंग रूम, लॉबी, गेस्ट रूम विथ टॉयलेट, मास्टर बेडरूम सुईट, डाइनिंग एरिया, यूटिलिटी एरिया, किचेन विथ ग्रॉसरी, फैमिली लॉउन्ज, मंत्री का रेसिडेंशियल चेंबर, मंत्री का इनर ऑफिस और केयरटेकर का कमरा होगा. वहीं पहले तल्ले पर फैमिली लाउंज, मास्टर बेडरूम, चिल्ड्रेन्स बेडरूम, पैन्ट्री, मल्टीपरपज स्टोर, पूजा रूम, ओपन टेरेस और बालकनी होगा.
वहीं कैबिनेट में मंत्रियों के लिए स्मार्ट सिटी में बन रहे बंगले के संबंध में जब मंत्रियों से सवाल पूछा गया तो, सभी मंत्री इस सवाल से बचते नजर आए.
फंड कहां से आएगा यह विभागीय सचिव बताएंगे
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि सभी मंत्रियों का घर एक जगह नहीं था. इसलिए स्मार्ट सिटी में बंगला बनाया जा रहा है. राज्य की खस्ता वित्तीय स्थिति का हवाला देने वाले वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या सरकार की वित्तीय स्थिति इतना सक्षम है कि इसका खर्च उठा सकती है. इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि कैबिनेट से पारित तो हो गया है. अब इसका फंड कहां से आएगा यह विभागीय सचिव बताएंगे। वहीं चुनाव के समय आम लोगों के लिए तीन कमरा का आवास देने का वादा किया गया था वह कब तक पूरा होगा? इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि हम लोगों ने तो यह वादा नहीं किया था। मुख्यमंत्री ने वादा किया था इस पर वही जवाब देंगे.
बड़े-बड़े बंगला में रहने की कोई चाहत नहीं
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी में बांग्ला बन रहा है इससे उनके जैसे नेताओं को कोई चाहत नहीं है. छोटे स्तर से राजनीति करते हुए मंत्री बने हैं बड़े-बड़े बंगला में रहने की कोई चाहत नहीं है. हम लोग जनता की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले लोग हैं.
सरकार समय-समय पर ऐसे निर्णय लेते रहते हैं
कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है. सभी सरकार समय-समय पर ऐसे निर्णय लेते रहते हैं. यह कोई मुद्दा नहीं है कि स्मार्ट सिटी में मंत्रियों के लिए बंगला बनाया जा रहा है.
विधायकों के लिए भी आवास बनाया जाएगा
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि एक मंत्री से दूसरे मंत्रियों का घर की दूरी लगभग 7 से 8 किलोमीटर है. अब सभी मंत्री एक जगह रहेंगे। इससे आपसी तालमेल में सुविधा होगी. इसके बाद सभी विधायकों के लिए भी आवास बनाया जाएगा.
गौरी रानी की रिपोर्ट