पटना : शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन यानि कल विजयादशमी था. जिसका समापन कल देर रात मां दुर्गा की विदाई जयकारा के साथ की गई. वहीं राजधानी पटना में भी मारूफगंज स्थित बड़ी देवी जी औऱ महारजगंज स्थित छोटी देवी जी का भी विधि-विधान से विसर्जन किया गया. इनकी अंतिम झलक पाने के लिए पूरा पटना और बाहर से आए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है और नम आंखों से मां को विदा करते हैं.
मां की विदाई के समय हजारों भक्तों की भीड़, माता रानी के जयकारे और शंख मृदंग की ध्वनि के साथ मंत्रोच्चार होता है. यह दृश्य अत्यंत ही अलौकिक होता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हजारों लोगों की भीड़ जमा रहती है.

वहीं बड़ी देवी जी के विसर्जन के दौरान एक और परंपरा का पालन किया जाता है, वह है खोइछा मिलन का. मान्यता है कि मारूफगंज स्थित बड़ी देवी बड़ी बहन हैं जबकि महाराजगंज देवी छोटी बहन हैं. विजयदशमी के दिन पटनासिटी के बेलवरगंज में मारूफगंज देवी और महाराजगंज देवी का खोइछा मिलन होता है. यहां पर दोनों देवियां जुटती हैं. उनके खोइछा की अदला-बदली होती है. यह दृश्य अत्यंत ही अलौकिक होता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हजारों लोगों की भीड़ जमा रहती है.

मां की विदाई के समय हजारों भक्तों की भीड़, माता रानी के जयकारे और शंख मृदंग की ध्वनि के साथ मंत्रोच्चार, माहौल को भक्तिभाव से ओत-प्रोत कर रहा था. इस दृश्य को जेहन में कैद करने के लिए पहले से ही बेलवरगंज में भारी भीड़ जमा थी. पहले मिलन स्थल पर छोटी बहन अपनी बड़ी बहन का इंतजार करती हैं. जिसके बाद रात में बड़ी देवी जी वहां पहुंचती हैं और फिर दोनों को आमने-सामने रखकर वैदिक मंत्रोच्चार, शंख ध्वनि के साथ विधि-विधान से खोइछा की अदला-बदली की जाती है. इसके पश्चात दोनों बहनों की आरती और नजर उतारकर पहले बड़ी बहन और उनके पीछे छोटी बहन को विदा किया जाता है.

गौरतलब है कि श्रद्धालु इस मिलन का विहंगम दृश्य को देखना कभी नही भूलते है. विजयादशमी के दिन सबसे बड़ा कार्यक्रम आयोजित की जाती है. घण्टो इंतजार कर श्रद्धालू माता की खोइछा मिलन कार्यक्रम में भाग लेते है,और माता का जगराता करते हुए आरती के साथ जयकारा लगाते हुए मां को विदा करते हैं.
संजय कुमार की रिपोर्ट