द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा के दो सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा जैसे ही हुई महागठबंधन में फूट सी आ गई है. तारापुर और कुशेश्वर स्थान विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. राजद ने रविवार को अपने दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जिसके बाद से ही महागठबंधन में सियासी हलचलें तेज हो गई है. बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसका घोषणा की है.
आपको बता दें कि राजद पर कांग्रेस हावी हो गई है. दोनों पार्टियों में आमने-सामने हो गई और विवाद शुरू हो गया. राजद की ओर से कहा गया कि हम दोनों सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि राजद ने गठबंधन धर्म तोड़ दिया उसने गठबंधन धर्म नहीं निभाया. मेरा मानना है कि ऐसे तो हम भापा के साथ वैचारिक लड़ाई लड़ ही नहीं सकते हैं. भाजपा के साथ वैचारिक लड़ाई लड़ने में राष्ट्रीय जनता दल इसमें पीछे हो रहा है. सवाल सीटों का नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज के दिनों में केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ा होकर सामना करना है. मैं राजद को बहुत दिनों से देख रहा हूं लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है. हमने भी एक सीट के लिए दावेदारी की थी. लेकिन उन्होंने दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार लिया, ये कहां का गठबंधन धर्म है. उन्होंने कहा कि वैचारिक तौर पर आप भारतीय जनता पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है.
शकील अहमद ने कहा कि आपके परिवार में मतभेद है तो आप मिल बैठकर बात किजिए. महागठबंधन को लेकर इस तरह का व्यवहार कहीं से भी अच्छा नहीं है. आपके अपने ही परिवार में वैचारिक मतभेद है. उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने जिस तरीके से कहा कि लालू प्रसाद यादव को बंधक बना लिया. वह प्रशिक्षण में इस तरह के काम कर रहे हैं. राजद की ओर से मनमानी है. इसको मनमानी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे. दोनों सीटों पर कौन लड़ेगा, किस पार्टी का उम्मीदवार लड़ेगा मिल बैठकर बात कर लेते.
उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस पहले ही बहुत कुछ बर्दाश्त किया है. बिहार में राजद को कई जगहों पर कांग्रेस ने आगे बढ़कर मदद किया है. 38 जिले में हमारे कार्यकर्ता ने राजद को मदद किया. कौन गठबंधन धर्म पूरी तरीके से निभाया है. उसके बावजूद भी राजद ने जिस तरीके से काम किया वह माफी के लायक नहीं है. यह गठबंधन टूट भी सकता है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट