द एचडी न्यूज डेस्क : सितंबर माह का आज आखिरी तारीख है. और कल से नया महीना अक्टूबर शुरू होने जा रहा है. अक्टूबर का महीना आपके रोजमर्रा से जुड़े गतिविधियों में कई बदलाव लेकर आने वाला है. जिसका सीधा असर आपके जेब पड़ पड़ेगा. अगले माह से जो नियम बदलने जा रहे हैं, उनमें कुछ अच्छे तो कुछ परेशानी बढ़ाने वाले हैं. अक्टूबर महीने से एलपीजी के रेट, पेंशन के नियम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के भुगतान समेत कई जरूरी बदलाव होने वाले हैं. इसके साथ ही जिन लोगों को दूसरे देशों में पैसा भेजने की जरूरत होती है, उनका खर्च बढ़ने वाला है. आज हम आपको उन बदलावों के बारे में बताएंगे जो अक्टूबर माह में होने वाले हैं.
एलपीजी के बढ़ सकते हैं दाम
गैस के दाम से परेशान लोगों के लिए अक्टूबर में भी राहत मिलने की संभावना नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. जिसे देखते हुए इस महीने एलपीजी गैस के दाम में 100 रुपये की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल 80 डॉलर के करीब है. कच्चे तेल के बढ़ते दाम को देखकर अक्टूबर महीने में पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ने बिल्कुल तय हैं.
पुरानी चेक होगी बेकार
अगर आपका खाता भी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया या इलाहाबाद बैंक में है तो अब इन बैंक के पुराने चेकबुक काम नहीं करेंगे. दरअसल इन बैंको का विलय दूसरे बैंकों में होने जा रहा है. विलय होने के बाद अब खाताधाराकों का खाता नंबर, चेक बुक, आईएफएससी और एमआईसीआर कोड बदल जाएंगे. इसलिए खाताधारकों को नया चेकबुक लेना होगा.
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान होगा
सरकार ने कहा है कि 1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेज का रखरखाव एक आईटी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा. नए नियमों के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्र सरकार ने डीएल बनवाने के लिए नियमों को आसान कर दिया है. साथ ही जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वैध पाए गए गाड़ी के दस्तावेजों के बदले हार्ड कॉपी की मांग नहीं की जाएगी. लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा अयोग्य या निरस्त किए गए ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी और इसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाएगा.
पेंशन के बदलेंगे नियम
एक अक्टूबर से पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़े नियमों में बदलाव होगा. 80 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति के लिए, नियम कहता है कि पेंशन प्राप्त करना जारी रखने के लिए उन्हें भारत में किसी भी प्रधान डाकघर में अपने जीवन प्रमाण केंद्र में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा.
ऑटो डेबिट भुगतान में होगा बदलाव
एक अक्टूबर से ऑटो डेबिट भुगतान के नियमों में भी बदलाव होने जा रहे हैं. अब कोई भी बैंक ग्राहक को बिना जानकारी दिए पैसा नहीं काट सकता है. बैंक को पैसे काटने के पहले ग्राहक को इसके लिए सूचित करना होगा.
म्यूचुअल फंड इन्वेसमेंट में होगा बदलाव
एक अक्टूबर से म्यूचुअल फंड निवेश में भी बदलाव होने वाला है. यह बदलाव अंडर मैनेजमेंट, म्यूचुअल फंड हाउस में काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों पर लागू होगा. सेएमएससी कंपनियों के जूनियर कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा म्यूचुअल फंड के यूनिट्स में निवेश करना होगा.
फूड बिल पर FSSAI रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना होगा अनिवार्य
एक अक्टूबर से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सभी खाद्य पदार्थों से जुड़े दुकानदारों को निर्देश दिया है. खाद्य पदार्थों से जुड़े सभी दुकानदार को अब FSSAI का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा दुकान से लेकर रेस्टोरेंट को डिस्प्ले में बताना होगा कि वह किन खाद्य पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं.
विदेश पैसे भेजने पर शुल्क बढ़ेगा
केंद्र सरकार ने विदेश पैसे भेजने पर टैक्स वसूलने से जुड़ा नया नियम बना दिया है. नया नियम 1 अक्तूबर 2020 से लागू हो जाएगा. ऐसे में अगर आप विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चे के पास पैसे भेजते हैं या किसी रिश्तेदार की आर्थिक मदद करते हैं तो रकम पर पांच फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। फाइनेंस एक्ट, 2020 के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत विदेश पैसे भेजने वाले व्यक्ति को टीसीएस देना होगा.
स्वास्थ्य बीमा में मिलेंगी ज्यादा सुविधाएं
बीमा नियामक इरडा के नियमों के तहत स्वास्थ्य बीमा में तीन बड़ा बदलाव होने वाला है. एक अक्तूबर से बीमा कंपनियां अपनी नीतियों में महत्वपूर्ण उत्पादों की धाराओं को सरल बनाएंगी ताकि ग्राहक उसे आसानी से समझ सकें और समस्त बीमाकर्ताओं के विभिन्न उत्पादों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकें. वहीं, दूसरा बदलाव टेलीमेडिसिन, जो आजकल व्यक्तिगत दूरियों के इन समयों में महत्वपूर्ण है, उसके लिए बीमा कवरेज सुनिश्चित करना होगा. इसके साथ ही तीसरा बदलाव क्लेम को लेकर होगा. जिसमें बीमा कंपनियों को क्लेम आसानी से प्रदान करना होगा.