द एचडी न्यूज डेस्क : कोरोना तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का कार्य जोरों पर है. इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिवेशन भवन से 989 परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया. इन परियोजनाओं की कुल लागत 2705 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है. इस दौरान उन्होंने जश्न-ए-टीका पोर्टल को लांच किया. कार्यक्रम में उनके साथ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद थे.
राजधानी स्थित आइजीआइएमएस मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल में क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के नए भवन, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर और राजेंद्र नगर स्थित आई सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल व पटना सिटी स्थित गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई का उद्घाटन किया गया. हालांकि, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को नए भवन में इलाज शुरू करने के लिए अभी और इंतजार करना होगा.
ट्रामा इलाज में आएगी तेजी
एलएनजेपी हड्डी हास्पिटल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि अभी भी हम ट्रामा मरीजों का उपचार कर रहे हैं. ट्रामा सेंटर शुरू होने के बाद दो माड्यूलर आपरेशन थिएटर और मिलने से एक साथ चार सर्जरी की जा सकेंगी. इससे रोगियों को सर्जरी के लिए अधिक इंतजार नहीं करना होगा. आइसीयू के बेड बढ़ने से अधिक गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा. अभी कुछ सामान आना शेष हैं, बीएमएसआइसीएल द्वारा भवन स्थानांतरित होने के बाद ट्रामा रोगियों को नए भवन में रखा जाएगा और वहां 24 घंटे विशेषज्ञ मुस्तैद रहेंगे.
मंगल पांडे ने कहा कि कोरोना काल में कई चीजों को लेकर समस्या दिखी. हमने ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था की. कई जगहों पर प्लांट लगाया. इसके साथ ही ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की अहमियत समझ आई तो उसपर भी ध्यान दिया गया. उन्होंने कहा कि अभी तक 6500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर जिले के अस्पतालों में पहुंचाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जिला अस्पातलों में बाईपैप मशीन, सीटी स्कैन लागाए जाएंगे. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एंबुलेंस की सेवा को भी विस्तारित किया जा रहा है. हमनें संकल्प लिया है कि स्वास्थ्य सेवा को गांव तक बेहतर तरीके से पहुंचाना है.
आंखों की मुफ्त सर्जरी को अभी करें इंतजार
राजेंद्र नगर आइ हास्पिटल के निदेशक डॉ. हरिश्चंद्र ओझा ने बताया कि जल्द ही यहां से कोविड केयर सेंटर को समाप्त कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रथम तल पर ओपीडी आदि की सेवा बेहतर ढंग से संचालित की जाएगी. द्वितीय तल पर बने नए आपरेशन कक्ष का स्वाब कल्चर टेस्ट कराने के बाद सीमित संख्या में आंखों की सर्जरी शुरू की जाएगी. हमने पांच डाक्टरों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है. उनके आने के बाद दो से तीन माह में पूरी क्षमता के साथ आंखों की सर्जरी का कार्य शुरू किया जाएगा.
आइजीआइसी में फंसा कैथलैब का पेच
आइजीआइसी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि नए भवन के दो तल पर इलाज शुरू होने की संभावना थी, लेकिन कोरोना के कारण कैथलैब स्थापित नहीं हो सकी है. कैथलैब के बिना इमरजेंसी को शुरू नहीं किया जा सकता है. आशा है कि जल्द ही नए भवन में उपचार शुरू हो जाएगा.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट