पटना : कोरोना वायरस के अचानक दोबारा बढ़ते जा रहे मामले को लेकर चुनाव आयोग भी सतर्क है. वहीं शांत माहौल में बिहार पंचायत चुनाव संपन्न कराने को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस बार बिना अनुमति किसी भी तरह के सभा आयोजन पर रोक रहेगी. प्रत्याशियों को किसी भी तरह की सभा के लिए पहले अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति सभा करने पर प्रत्याशी के उपर कार्रवाई की जाएगी. वहीं ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं.
पंचायत चुनाव के प्रचार के क्रम में अगर किसी को प्रत्याशी को किसी हाट-बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनावी सभा आयोजित करनी है तो उन्हें इसकी पूर्व सूचना अपने स्थायी पुलिस थाने में भी देनी होगी. शांति व्यवस्था बनाए रखने और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रखने में प्रशासन को इससे सहूलियत होगी.
कोरोना संक्रमण को लेकर चुनाव आयोग गंभीर है. आयोग ने यह स्पस्ट किया है कि कोरोनाकाल में केंद्र और राज्य के द्वारा जिन नियमों को लागू किया गया है उन सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य रहेगा. प्रत्याशी अगर कोई सभा कर रहे हैं तो इसकी अनुमति उन्हें संबंधित क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी से लेनी होगी.
बिहार पंचायत चुनाव में प्रचार के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों या हैंड माइक के उपयोग पर भी कई प्रतिबंध लागू रहेंगे. उम्मीदवारों को इनके उपयोग की भी अनुमति लेनी होगी. यह अनिवार्य रहेगा. साथ ही इनके उपयोग की समय-सीमा तय कर दी गई है. सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक ही इसके उपयोग की अनुमति रहेगी.
चुनाव प्रचार के दौरान अगर कोई प्रत्याशी बिना अनुमति लिए किसी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों या हैंड माइक का उपयोग करते हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसा होने पर सहायक अवर निरिक्षक या इनसे वरीय पुलिस पदाधिकारी को इन यंत्रों को जब्त कर लेने का निर्देश दिया गया है. वहीं आपसी टकराव की संभावना को खत्म करने यह भी निर्देश जारी किया गया है कि अगर एक ही जगह पर दो अलग-अलग उम्मीदवार सभा कर रहे हैं तो ध्वनि विस्तारक यंत्र (स्पीकर) के मुंह विपरीत दिशाओं में रखे जाने चाहिए.