द एचडी न्यूज डेस्क : कोरोना वायरस महामारी से इस जंग में डॉक्टर्स, नर्स और समाजसेवी अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं और लोगों की सेवा कर रहे हैं. लेकिन सत्ता में बैठे जन प्रतिनिधि अपने घर में बंद हैं. मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अपने आवास से नहीं निकल रहें. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपने फेसबुक कार्यक्रम ‘दिल की बात’ के दौरान बुधवार को कही.
किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कि पहले लॉकडाउन और फिर अचानक हुई बारिश ने किसानों को बड़ी क्षति पहुंचाई है. यह सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारी बनती है कि वो किसानों के राहत के लिए कदम उठाए. पप्पू यादव ने मांग की कि किसानों को दस हजार रुपए प्रति एकड़ की सहायता दी जानी चाहिए.
जाप अध्यक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार को रोजगार और शिक्षा पर भी घेरा. उन्होंने कहा कि कि देश में बेरोजगारी पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है. रेलवे, डाक और अन्य सरकारी विभागों में लाखों पद खाली हैं. पिछली बार रेलवे में जब भर्ती निकाली गयी थी तो 90,000 पदों के लिए चार करोड़ से अधिक आवेदन आए थे. शिक्षा की स्थिति भी बहुत बुरी है. आज हर साल हजारों बिहारी छात्र कोटा जाते हैं मेडिकल और इंजीनियरिंग इंट्रेस्ट टेस्ट की तैयारी के लिए. यह सरकार की विफलता का प्रमाण है. अगर हम सरकार में आए तो बिहार में ही अच्छी शिक्षा मिलेगी और मुफ़्त में कोचिंग दी जाएगी.
अंत में उन्होंने कहा कि कि लॉकडाउन में सब कुछ रूक गया है सिवाए अपराध के. नवगछिया में डॉक्टर की हत्या, मुजफ्फरपुर में दिन दहाड़े बैंक लूट, नालंदा में एक वकील की हत्या और कई लोगों की हत्या लॉकडाउन के दौरान हुई. राज्य सरकार न कोरोना वायरस को रोक पा रही है और न अपराध को.