अररिया : बिहार में लॉकडाउन के बीच से सरकारी बाबुओं पर रुतबे का नशा सर चढ़कर बोल रहा है. ताजा मामला अररिया जिले के कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से जुड़ा हुआ है. अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने गुंडागर्दी दिखाते हुए ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस के सिपाही को सड़क पर बेइज्जत किया है. सिपाही का कसूर केवल इतना था कि उसने लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी की गाड़ी रोक डाली.
दरअसल, आज सिपाही यह जानकारी लेना चाह रहा था कि गाड़ी किसकी है लेकिन इतनी सी बात पर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गए उन्होंने सिपाही की ऐसी की तैसी कर दी. अपने पद के अहंकार में चूर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने वहां तैनात पुलिस के अन्य अधिकारियों के सामने ही सिपाही को पहले जी भर कोसा और उसके बाद बीच सड़क उसे कान पकड़कर उठक बैठक कराई. सिपाही लॉकडाउन के नियमों के पालन को लेकर ड्यूटी कर रहा था लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने उसे अपने पैरों पर गिड़गिड़ाने को मजबूर कर दिया. सिपाही को लगा जैसे उसने कोई बड़ा अपराध कर दिया है. पहले कान पकड़कर उठक बैठक किया फिर साहब इतने पर भी नहीं माने तो घुटने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा.
आपको बता दें कि 55 साल के सिपाही का कान पकड़कर उठक बैठक करता वीडियो और कुर्सी के नशे में चूर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का तेवर वाला अंदाज वायरल हो रहा है. सिपाही का नाम गोनू तत्मा बताया गया है. हद तो यह है कि जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के साथ वहां मौजूद पुलिस के एक दरोगा ने भी सिपाही को नाक रगड़ कर मांग माफी मांगने के लिए मजबूर किया. लॉकडाउन के नियम तोड़ने के मामले में हर दिन सैकड़ों लोगों के ऊपर कार्रवाई हो रही है लेकिन लॉकडाउन की चेकिंग के दौरान गुंडागर्दी करने वाले अररिया के जिले जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के खिलाफ सरकार कोई एक्शन लेगी यह देखना दिलचस्प होगा.