पटना : राजधानी पटना में आज पटना नगर निगम और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ की बैठक हुई. जिसमें पटना की मेयर सीता साहू समेत कई अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे. 110 स्लम में आधारभूत संरचना के सुदृढ़ करने और सफाई कर्मियों के साथ साथ उनके परिवारजनों के सर्वांगीण विकास के लिए पटना नगर निगम और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ के बीच समझौता हुआ. पार्षदों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ किया गया.
पटना नगर निगम एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ (यूएनएफपीए) के बीच कुल 110 स्लम के विकास, सफाई कर्मियों की कपैसिटी बिल्डिंग, सफाई कर्मियों के आश्रितों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने एवं मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की गरिमा, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करार किया गया है. शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में दोनों पक्षों के बीच करार की प्रति का आदान-प्रदान किया गया. साथ ही माननीय पार्षदों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा गया कि पटना नगर निगम ना केवल सेवाओं की संख्या और गुणवत्ता में वृद्धि कर रहा है. बल्कि अपनी पूरी टीम के आउटपुट को भी बढ़ाने, उनकी निजी जिंदगी को खुशहाल बनाने और उनके सम्पूर्ण विकास के लिए प्रयायरत है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जब तक एक कर्मी अपनी निजी जिंदगी में खुश नहीं, तो वह अपनी पेशेवर जिंदगी में भी आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने कहा, पटना नगर निगम मात्र शहरीकरण ही नहीं बल्कि शहर के लोगों के भी विकास के लिए कार्य कर रहा है और करता रहेगा.
मील का पत्थर साबित होगी ये साझेदारी – उप महापौर
सभा को संबोधित करते हुए उप महापौर मीरा देवी ने कहा कि पटना नगर निगम की टीम इस बात से अवगत है कि विकास कभी भी एक स्तर पर नहीं संभव. हर तबके और हर क्षेत्र की कड़ी एक दूसरे से जुड़ी हुई है. इसलिए सभी क्षेत्र और वर्गों के समावेशी विकास के लिए हम कार्य कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि इस दिशा में हम कई मील के पत्थर स्थापित करेंगे.
विकास की परिधि से बाहर रहने वालों को भी मुख्यधारा से जोड़ना निगम का लक्ष्य – नगर आयुक्त
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पटना नगर निगम एवं यूएनएफपीए संवहवीय एवं समावेशी शहरीकरण के लिए हुए समझौते की बदौलत हम उन लोगों को भी मुख्य धारा से जोड़ेंगे जो अनदेखे हैं और जिनकी आवाज आमतौर पर अनसुनी रह जाती है. उन्होंने कहा कि स्लम के विकास के बिना स्मार्ट पटना का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है. 10 बस्तियों से शुरू हुए कार्य का विस्तार 110 बस्तियों तक किया जा रहा है. हमें उम्मीद है कि माननीय पार्षदों एवं आम जनता के सहयोग से हम संवहनीय एवं समावेशी विकास के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त कर लेंगे.
समावेशी विकास के लिए नगर निकायों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण – यूएनएफपीए
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ीं गेस्ट ऑफ ऑनर अर्जेंटीना मैटवेल पिचिंग, यूएनएफपीए-इंडिया की प्रतिनिधि एवं यूनएफपीए-भूटान की कंट्री हेड द्वारा जानकारी दी गई कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी का दो-तिहाही हिस्सा शहरों में बसेगा. इसलिए नगर निकायों की भूमिका अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने सतत विकास लक्ष्य (SDG 11) पर बल देते हुए कहा कि शहरी आबादी बढ़ने का मुख्य केंद्र झुग्गी बस्तियां हैं. इसलिए सतत विकास का लक्ष्य इनके बिना संभव नहीं.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रेरा अपीलीय ट्रिब्यूनल के सदस्य एवं पटना नगर निगम के एडमिनिसट्रेटर रहे सुनील कुमार सिंह द्वारा नगर निकायों के अधिकारक्षेत्र को बढ़ाने और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नगर निकाय के सशक्तिकरण के बिना स्मार्ट शहर की सोच पूरी नहीं हो सकती. कार्यक्रम में सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्य, पटना नगर निगम के पार्षदगण, पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त (स्थापना/योजना) देवेन्द्र प्रसाद तिवारी, राकेश कुमार झा, उप नगर आयुक्त, सभी कार्यपालक पदाधिकारीगण, नगर प्रबंधक, यूएनएफपीए एवं दीक्षा फाउंडेशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे.
पटना नगर निगम एवं संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रकोष्ठ की साझेदारी में निम्न कार्य किए जाएंगे
- 110 स्लम में आधारभूत संरचना का विकास – समझौते के अंतर्गत दोनों पक्षों द्वारा कुल 110 बस्तियों में आधारभूत संरचना का विकास एवं आवश्यक व्यवस्थाओं को सुदृण किया जाएगा. इस काम को दो चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में 50 स्लमों का विकास किया जाएगा और दूसरे चरण में शेष 60 बस्तियों के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है. शुक्रवार को कार्यक्रम में स्लम नेटवर्किंग प्लान का विमोचन किया गया. प्रथम चरण जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक पूर्ण करने एवं द्वितीय चरण को जनवरी 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है.
- सफाई कर्मियों की ट्रेनिंग – पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों को कार्यकुशल बनाने के लिए अगले दो वर्षों तक ट्रेनिंग एवं कोर्स के माध्यम से जॉब-रेडी किया जाएगा.
- सफाई कर्मियों के आश्रितों के लिए जीविकोपार्जन के अवसर – पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों के आश्रितों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए.
(ए) निगम क्षेत्रांतर्गत कुल छह समूह तैयार किए जाएंगे. इन समूहों के एक फेडरेशन की स्थापना की जाएगी. पटना नगर निगम द्वारा सेप्टिक टैंक, मैनहोल आदि की सफाई के लिए मशीनों का क्रय कर इन समूहों को उपलब्ध काराया जाएगा. मशीनों की सहायता से समूह के सदस्यों द्वारा पटना नगर निगम क्षेत्र में सेप्टिक टैंक, मैनहोल आदि की सफाई सेवा उपलब्ध करायी जाएगी और जीविकोपार्जन किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि सभी छह समूह की सदस्य या तो महिला सफाई कर्मी होंगी या पुरुष सफाई कर्मियों के परिवार की महिला होंगी.
(बी) पटना नगर निगम द्वारा सैनिट्री नैपकिन की पैकेजिंग की तीन यूनिट स्थापित की जाएंगी. इन सभी यूनिटों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा. - वार्ड पार्षदों का ओरिएंटेशन – करार के अंतर्गत पटना नगर निगम के माननीय पार्षदों के लिए ओरिएंटेशन सह कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जहां उन्हें नगर निकाय की शक्तियों, अधिकार, जिम्मेदारियों, चुनौतियों एवं भनिष्य की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया. शुक्रवार को आयोजित ओरिएंटेशन सह कार्यशाला में माननीय पार्षदों एवं विशेषज्ञों द्वारा 74वें संविधान संशोधन एवं बिहार नगर पालिका अधीनियम एवं स्वच्छ सर्वेक्षण पर चर्चा की गई. महीने भर के अंदर माननीय पार्षदों के लिए दूसरे कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा.
- महिलाओं को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षण – बस्ती में रहने वाली महिलाओं को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट