पटना : आस्था चैरिटेबल एंड वेलफेयर सोसाइटी (SNAC, Bihar, राष्ट्रीय न्यास, दिव्यांग्जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) के द्वारा आयोजित वर्ल्ड डिसेबिलिटी डेके क्लोजिंग सेरेमनी में मुख्य अतिथि रूप में स्टेट कमिश्नर ऑफ डिसेबिलिटी डॉ. शिवजी कुमार और शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. रंजीत कुमार ने आस्था चैरिटेबल एंड वेलफेयर सोसाइटी के कार्यों की सराहना की. इस मौके पर कमिश्नर डॉ. शिवजी कुमार ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग जनों को लेकर तत्परता से कार्यरत है. इसलिए उनके लिए कई राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग भी हमारे समाज से आते हैं, इसलिए हमें भी उनके लिए ईमानदारी से कार्य करने की जरूरत है.
शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. रंजीत कुमार कहा कि जिस तरह से बिहार में दिव्यांग जनों को लेकर कार्य हो रहे हैं, ऐसे में हम यही कामना करेंगे कि डिसेबिलिटी एबिलिटी में बदल जाए. उन्होंने कहा कि जिस काम को हम लोग सीखने में बहुत दिन लगा देते हैं, दिव्यांग जन उसी को बेहद कम समय में कर लेते हैं. सच में ईश्वर ने उन्हें दिव्य अंग दिए हैं. फिर भी हम सबों को उनके लिए महीने में तीन-चार दिन निकाल कर काम करना चाहिए.
वहीं, कॉर्डिनेटर नेशनल ट्रस्ट के सचिव डॉ. उमाशंकर सिन्हा ने बिहार में एम्स के तर्ज पर दिव्यांगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की मांग सरकार से की. सामुदायिक भवन, दीघा में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ये दुख की बात है कि बिहार में कहीं भी दिव्यांगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था नहीं है. उनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है, इस दिशा में सरकार को काम करने की जरूरत है.
कार्यक्रम में नेशनल डिसेबिलिटी से चिन्हित दिव्यांग बच्चों को स्मार्ट फ़ोन भी दिया गया, जिसके बारे में डॉ. उमाशंकर सिन्हा ने कहा कि यह स्मार्ट फ़ोन मेजर डिसेबल बच्चों को दिया गया, जिसके जरिए ये बच्चे वर्चुअल क्लासेस अटेंडेंट कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि इन बच्चों को अमेरिका में दिव्यांगता और विभिन्नता पर काम कर रहे बिहार झारखंड एसोसिएशन के बच्चों एजुकेट करेंगे. लॉकडाउन के वक़्त दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई एवं अन्य समस्याओं से जूझना पड़ा था. उसको देखते हुए आस्था चैरिटेबल एंड वेलफेयर सोसाइटी (SNAC, Bihar, राष्ट्रीय न्यास, दिव्यांग्जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) के द्वारा यह निर्णय लिया गया.
डॉ. उमाशंकर सिन्हा ने बताया कि इस कार्यक्रम में आज बिहार सरकार और जकोफू यूएसए के सहयोग से आने वाले पांच सालों में 5000 दिव्यांगों की निःशुल्क सर्जरी का संकल्प लिया. यह संकल्प सर गंगाराम हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉ. निशिकांत (नी रिप्लेसमेंट सर्जन), डॉ. सौरभ चौधरी (ऑर्थोपेडिक सर्जन), डॉ. संजीव और डॉ. अरविंद आदि की उपस्थिति में लिया गया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम दिव्यांग लोगों के लिए यह कार्यक्रम हर साल करते हैं. बीते साल हमने 1000 दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें 500 लोगों को हमने कृत्रिम अंग दिए. मगर लॉकडाउन की वजह से यह पूरा नहीं हो सका था, जिसे अब पूरा किया का रहा है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नेशनल ट्रस्ट के बोर्ड मेम्बर डॉ. आशीष कुमार, IAP बिहार के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा, RLP मेमोरियल साइंस की एमडी डॉ. शालिनी सिन्हा, डॉ. निशिकांत कुमार, डॉ. रितेश रुनु, डॉ. बिनय कुमार पांडेय, डॉ. संजय कुमार पांडेय, डॉ. अभय कुमार जायसवाल और डॉ. केके अंबष्ठ समेत कई लोग उपस्थित रहे.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट