नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर गतिरोध सुलझाने के लिए बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की बातचीत हुई. पांच घंटे तक चली बैठक में सरकार थोड़ी झुकी, तो किसान भी थोड़े नरम पड़े. सरकार ने किसानों की चार में से दो मांगें मान लीं. बाकी दो मांगों पर बातचीत के लिए चार जनवरी की तारीख तय की गई है.

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के नेता सुखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार को कल कानून और MSPके बारे में बात करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने बात नहीं की. चार जनवरी को उम्मीद है,सरकार अभी मान नहीं रही कल भी वो हमें लाभ गिनवा रही थी इसलिए हम चाहते हैं कि वो जल्दी 3कानून को रद्द करें न कि हमें समझाएं.

अब चार जनवरी को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच मुख्य मांगों पर चर्चा होगी. बहरहाल, यह तय हो गया कि इन विवादास्पद कानूनों पर आंदोलनरत किसानों की समस्याओं का समाधान अगले साल ही हो सकेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वार्ता के बाद दावा किया कि जिन चार मुद्दों पर आज चर्चा हुई उनमें से दो पर आज सहमति बन गई. उनके मुताबिक, सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई. हालांकि तोमर ने यह भी स्पष्ट किया कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांग एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर चार जनवरी को फिर चर्चा होगी.

दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 36वां दिन है. किसानों की सरकार के साथ वार्ता बुधवार को पटरी पर तो लौटी और बिजली के शुल्क तथा पराली जलाने से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर उनकी चिंताओं को दूर करने पर सहमति भी बनी, लेकिन नए कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दायरे में लाने की उनकी मुख्य मांग पर कुछ फैसला नहीं हो सका. सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच पांच घंटे से अधिक समय तक चली छठे दौर की वार्ता में आज बर्फ तो पिघलती नजर आई लेकिन गतिरोध बरकरार रहा क्योंकि उनकी मुख्य मांगों पर कोई सहमति नहीं बन सकी. बैठक के बाद किसान नेता कलवंत सिंह संधु ने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने को लेकर थी. अगली बैठक में हम एमएसपी गारंटी और तीनों कानूनों पर फोकस करेंगे.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए मैंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने का अनुरोध किया है. अगले दौर की वार्ता चार जनवरी को होगी. आज की बातचीत बेहद सकारात्मक माहौल में हुई. किसानों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार और किसानों में दो मुद्दों पर सहमति बनी है. चार मुद्दों में से दो पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि पराली-बिजली बिल और पर्यावरण संबंधि अध्यादेश पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगी.

किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है. ये बैठक करीब पांच घंटे तक चली. ये सातवें दौर की बैठक थी. अगली बैठक चार जनवरी को होगी. किसान नेता के मुताबिक सरकार ने पराली अध्यादेश और बिजली बिल वापस लेने का भरोसा दिया है. बैठक के दौरान टी ब्रेक भी हुआ. इस दौरान किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से दी गई चाय पी. वहीं मंत्रियों ने किसानों की चाय पी. ब्रेक के बाद बैठक फिर शुरू हो गई. संभवत: अब और ब्रेक नहीं होगा. बता दें कि इससे पहले लंच में किसान नेताओं ने बाहर से खाना मंगवाया था.

किसानों ने बुधवार को हरियाणा में जींद के खटकड़ गांव के निकट राजमार्ग पर धरना दिया और इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग की. किसानों ने धरनास्थल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और हिसार लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह की फोटो को उल्टा लटकाकर अपना विरोध दर्ज कराया. किसान नेता सतबीर बरसोला ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को शुरू से हल्के में ले रही है. उन्होंने कहा कि किसानों का यह आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है.