रांची : झारखंड पुलिस ने नए साल में पुलिसकर्मियों को तोहफा दिया है. नए वर्ष में एक जनवरी से झारखंड के सभी थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलेगी. इस संबंध में सभी जिले के एसएसपी, एसपी को जल्द पुलिस मुख्यालय के द्वारा आदेश जारी गया है. एक जनवरी से राज्य से सभी थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलनी शुरू हो जाएगी. डीजीपी एमवी राव ने मीडिया से शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी. वही झारखंड के डीजीपी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से झारखंड में भय का वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें कुछ पॉलिटिशियन और जेल में बंद अपराधी भी शामिल हैं.

डीजीपी के अनुसार हाल के दिनों में जिस तरह से झारखंड पुलिस ने कार्रवाई की है अगर वह देखकर भी यह अपराधी और उग्रवादी संगठन नहीं चेते तो उनका हश्र बेहद बुरा होने वाला है. डीजीपी ने धमकी भरे लहजे में आगजनी करने वाले गिरोह को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे अगर यह सोच रहे हैं कि उनके पीछे खड़े सफेदपोश उन्हें बचा लेंगे तो वह गलतफहमी में हैं. गौरतलब है कि एक सप्ताह के अंदर ही झारखंड पुलिस ने 15 लाख के इनामी उग्रवादी कमांडर जिदन गुड़िया और दो लाख के इनामी पुनई को एनकाउंटर में मार गिराया है.
वहीं पुलिस महानिदेशक ने झारखण्ड पुलिस की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि साल 2020 में झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की है. इसममें कई इनामी नक्सली मारे गए तो कई को पुलिस सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाब रही. वहीं कई ने पुलिस के आगे हथियार डाल दिए, लेकिन इन सबके बीच झारखंड के तमाम उग्रवादी संगठन अपराधियों से मिलकर लेवी वसूलने के लिए आगजनी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. अब झारखंड के डीजीपी ने ऐसे गिरोहों को नेस्तनाबूद करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
झारखंड के डीजीपी एमवी राव के अनुसार कुछ पॉलिटिकल और आपराधिक गिरोह के लोग एक साथ मिलकर राज्य में आगजनी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इन वारदातों के पीछे उनकी मंशा ठेकेदारों और कारोबारियों से पैसा वसूलने के लिए डराने की है. हाल के दिनों में कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के गिरोह ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. यह गिरोह छोटे-छोटे उग्रवादी संगठनों से गठजोड़ कर रंगदारी वसूलने के लिए कोयला कंपनियों को अपना निशाना बना रहा है. सुजीत सिन्हा खुद जेल में बंद है लेकिन इसके बावजूद उसके गिरोह के सदस्य रंगदारी मांगने, रंगदारी नहीं देने पर फायरिंग और कोयला साइडिंग क्षेत्र में आगजनी कर रहे हैं. इसका सबसे ताजा मामला 18 दिसंबर 2020 को बालूमाथ में हुए तेतरियाखाड़ खान की घटना है.

18 दिसंबर की रात सीसीएल के तेतरियाखाड़ कोल प्रोजेक्ट परिसर में सुजीत गैंग के अपराधियों ने जमकर कहर बरपाया. गैंग के अपराधियों ने चार लोगों को गोली मार दी. वहीं कई ट्रकों को आग के हवाले कर दिया. झारखंड के डीजीपी के अनुसार यह कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ अशांति फैलाने के लिए और लेवी वसूलने के लिए की गई. ऐसे गिरोहों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जा रही है.
डीजीपी ने बताया कि गोलीबारी और आगजनी के बाद अपराधियों ने घटनास्थल पर पर्चे भी छोड़े थे, जिसमें लिखा था कि कोयला खनन का काम कर रही आउटसोर्सिंग कंपनी, कोयला परिवहन कर रही कंपनी, कोयला का उठाव कर रहे डीईओ धारक और लिफ्टर को चेतावनी है कि बिना सुजीत बॉस को मैनेज किए जो काम करेगा उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा. अपराधियों और उग्रवादियों के गठजोड़ की सूचना पुलिस को भी मिली है. यह पुलिस के सामने नई चुनौती के रूप में उभरा है. कुछ दिन पूर्व बालूमाथ से गिरफ्तार अमन साव के गुर्गे की पीएलएफआई संगठन के लिए भी काम करने की बात सामने आई थी. सुजीत सिन्हा गिरोह के अपराधियों के पास एक के 47 जैसे हथियार भी मौजूद हैं.
साथ ही पुलिस महानिदेशक ने बताया कि झारखण्ड पुलिस नए साल में नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाने वाली है और इसके लिए पुलिस तंत्र को आधुनिक साजो सामान से लैस किया जा रहा है. खासकर सूबे में अफीम के सौदागरों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे इस धन्धे को छोड़ दें , नहीं तो पुलिस उन्हें सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगी.
गौरी रानी की रिपोर्ट