पटना : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के द्वारा 29 दिसंबर को राजभवन मार्च पटना के गांधी मैदान से निकालेंगे. कृषि कानून को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. वही पटना में भी 29 दिसंबर को किसान का जो मांगे हैं सरकार से लगातार मांगों को लेकर कई बार बैठकें हो चुकी हैं. उसके बावजूद भी सरकार मानने को तैयार नहीं है.

केंद्र सरकार और राज्य सरकार को घेरने के लिए राजभवन मार्च निकालेंगे. अखिल भारतीय किसान महासंघ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को किसी भी कीमत पर इन कानूनों के जरिए खेती किसान पर कारपोरेट वर्चस्व स्थापित करने के लिए प्रयास सूरत है. लेकिन देश के किसानों ने इस कभी होने नहीं देंगे. किसानों की मांग पर विचार करने की बात बजाय हमने देखा है कि भाजपा के संग के लोगों ने आंदोलन का बदनाम करने की एवं उससे उस में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं. इन कोशिशों को किसानों ने करारा जवाब दिया है. आंदोलन को बदनाम करने की अपनी गंदी राजनीति पर भाजपा या लगाम लगाए. देश की जनता उनकी हकीकत समझ चुकी है. आज आंदोलन के एक महीने पूरे होने को है.

पूरे राज्य में मोदी सरकार के स्वाधीनता के खिलाफ किसानों के धिक्कार दिवस मनाया है. 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के नाम पर एक बार फिर जब बकवास करने आएंगे. तब किसानों के ठीक उसी वक्त पूरा देश थाली पीटकर अपने आक्रोश को जाहिर करने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून को रद्द करने की प्रस्तावित बिल वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी आदि सवालों पर अब बिहार में भी आंदोलन का विस्तार हो गया है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट