द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर आ रही है. पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल के लिए कवर करने गए मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की गई है. पीएमसीएच के कर्मचारियों ने कुछ मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की है. इस घटना से वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है. सरकार से अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है. हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था प्रभावित हुई है. इधर, पटना मेडिकल कॉलेज में बाहरी डॉक्टरों को लगाने की तैयारी है. सिविल सर्जन का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज मांग करता है तो डॉक्टरों की व्यवस्था की जाएगी.

पटना मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भीड़ के बीच सुबह से ही डॉक्टरों की नारेबाजी चल रही है. वे तीसरे दिन भी काम से अलग रहे, जिस कारण मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था प्रभावित है. हड़ताल के कारण मरीजों की परेशानी उजागर करने पर पटना मेडिकल कॉलेज के टाटा वार्ड में एक अखबार के रिपोर्टर को गार्डों ने पीट दिया. उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह मरीजों की परेशानी को कैमरे में कैद कर रहा था.
जली मरीज को देखने तक नहीं आए डॉक्टर
डॉक्टर हड़ताल कर धरना-प्रदर्शन में लगे हैं और वार्ड में मरीज दम तोड़ने की स्थिति में हैं. आरा की सुगंधी देवी की मां बुरी तरह से जल गई हैं. 21 तारीख से PMCH में भर्ती हैं. जली मरीज को वापस आरा ले जाती सुगंधा ने कहा कि डॉक्टर साहेब कहतारे कि जाइए पानी चढ़ाइए, इतना जलल बा…पानी चढ़ावे से पेट भर जाई का?

इमरजेंसी खाली, जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में जाने की मजबूरी
PMCH में तीन दिनों से डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आ रहे हैं. जान बचाने के लिए परिजन मरीज को लेकर प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. PMCH की मुख्य इमरजेंसी में सामान्य दिनों में जमीन पर भी जगह नहीं होती थी, लेकिन हड़ताल के कारण यहां मात्र 50 मरीज ही भर्ती हैं, जिन्हें भी देखने वाला कोई नहीं है. शुक्रवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के कारण OPD बंद रही, लेकिन हड़ताल का असर मरीजों के उपचार पर पड़ा है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट