द एचडी न्यूज डेस्क : नोखा विधानसभा से बीजेपी के पूर्व विधायक और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सासाराम से लोजपा उम्मीदवार रहे रामेश्वर प्रसाद चौरसिया ने किसानों के साथ हो रहे भेदभाव पर चिंता जताते हुए केंद्र और बिहार सरकार को अगाह किया है. रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है. पूर्व विधायक ने कहा कि किसानों को पैसा केंद्र सराक देती है, लेकिन बिहार के किसानों की बदनसीबी ये है कि अभी तक धान क्रय केंद्र नहीं खोला गया. चौरसिया ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल पूछा कि जब मोदी सरकार आपको पूरे पैसे दे रही है तो आप किसान के धान क्यों नहीं खरीद रहे हैं, आखिर ये पैसे कहां जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बिहार में व्यवस्था चरमरा गई है लिहाजा यहां के किसानों को भी आंदोलित होना पड़ेगा और ये सुगबुगाहट बिहार के किसानों में हो रही है. रामेश्वर चौरसिया ने नीतीश सरकार को अगाह करते हुए कहा कि एक बार बिहार का किसान खासकर शाहाबाद प्रक्षेत्र का किसान सड़कों पर उतर गया तो सरकार के लिए किसानों को संभालना मुश्किल हो जाएगा.
पूर्व विधायक ने ये भी सवाल किया कि धान की लागत मूल्य 12 सौ रुपए है और मोदी सरकार ने इसका डेढ़ गुना यानि करीब 19 सौ रुपए देने को कहा है तो आखिर क्या मजबूरी है नीतीश कुमार की. उन्होंने कहा कि धान की खरीद पैक्स के जरिए हो या राइस मिल के जरिए ये नीतीश सरकार की परेशानी है किसानों की नहीं. रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि बिहार सरकार ये स्पष्ट कर दे कि किसानों को धान कहां पहुंचाना है, किसान अपना धान वहां पहुंचा देंगे.

बद से बदतर हो रही किसानों की स्थिति
रामश्वर चौरसिया ने कहा कि आज किसान 800 और 900 रुपए में अपने धान बेचने को मजबूर है, ऐसे में किसान की माली हालत क्या होगी, बाद में किसान कर्ज लेगा, फिर महाजन का पैसा चुकाने के लिए अपने खेत को गिरवी रखेगा. ऐसे करते-करते यदि किसान की कमर टूट जाएगी तो देश में बहुत ही विकराल स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.