द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार के पूर्णिया जिले में हुए राजद नेता शक्ति मलिक की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि लालू के दोनों बेटे इस केस में बच गए हैं. पुलिस ने सात अपराधियों को गिरफ्तार करते हुए बुधवार को खुलासा किया कि इस मामले में राजद नेताओं के खिलाफ के कोई साक्ष्य नहीं मिला है.
आपको बता दें कि पूर्णिया जिला के केहाट थाना क्षेत्र में इन दलित नेता की हत्या मामले में उनकी पत्नी खुशबू देवी के बयान पर पुलिस ने चार अक्टूबर को राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बडे भाई तेजप्रताप यादव सहित छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन इस मामले का खुलासा हो जाने के कारण तेजस्वी, तेजप्रताप यादव समेत राजद नेता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल सका.
पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बुधवार को बताया कि इस मामले में सात अपराधियों को पांच देसी कट्टा समेत अन्य सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच के क्रम में राजद नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि शक्ति मलिक ब्याज पर रुपया लगाने का काम करता था और समय पर रुपया नहीं लौटाने वाले का भयादोहन और उनके साथ दुर्व्यवहार भी करता था. यही वजह थी जिससे परेशान होकर कुछ लोगों ने एक गिरोह बनाकर उनकी हत्या कर दी.
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की. तेजस्वी ने पत्र लिखकर इसको लेकर उनकी पार्टी जदयू के नेताओं की अपने खिलाफ की गयी टिप्पणियों को ओछी और आधारहीन बताया तथा इस मामले की सीबीआई से अविलंब जांच कराने की अनुशंसा करने की मांग की है.