द एचडी न्यूज डेस्क : पटना में मंगलवार को बिहार एनडीए की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस किया गया था. जिसमें सूबे के मुखिया नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, राज्य प्रभारी भूपेंद्र सिंह यादव, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, मंत्री प्रेम कुमार, आरसीपी सिंह सहित दोनों पार्टियों की ओर से कई बड़े नेता इस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थे. बता दें कि 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जदयू 122 सीटों पर जबकि भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जदयू ने अपने कोटे से सात सीट हम को दिए हैं. इस प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को बीजेपी अपने कोटे से सीट देगी.
दरअसल, बिहार बीजेपी के अति पिछड़ा समाज के सबसे बड़े चेहरे की पार्टी छोड़ने की खबर के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया. यह खबर जैसे ही बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय तक पहुंची वैसे ही बड़े नेताओं के पेशानी पर बल आ गया. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ताबड़तोड़ कॉल कर इन्हें मनाने की कोशिश की. बताया जाता है कि जैसे ही नेताजी लोजपा का सिंबल लेकर अपने क्षेत्र की तरफ रवाना हुए वैसे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का कॉल आ गया.
सिंबल लौटाने का दिया भरोसा
बता दे कि, बीजेपी के अति पिछड़ा के सबसे बड़े चेहरे और चार बार के विधायक रह चुके रामेश्वर प्रसाद चौरसिया के पार्टी छोड़ने की खबर जैसे ही दिल्ली मुख्यालय को मिली तो बवाल मच गया. बताया जाता है की बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के नेताओं से टिकट बंदवारे के बाद हालचाल ले रहे थे. उसी दौरान उन्हें पता चला कि राजेंद्र सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद नोखा के पूर्व विधायक और अति पिछड़ा के बड़े चेहरे रामेश्वर चौरसिया ने भी पार्टी छोड़ दी है और वे लोजपा से मैदान में कूदने जा रहे हैं. बस फिर क्या था राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीधे रामेश्वर चौरसिया को कॉल लगाया. सूत्र बताते हैं कि इसके बाद रामेश्वर चौरसिया मान गए हैं और उन्होंने अपने अध्यक्ष को लोजपा का सिंबल लौटाने का भरोसा दिया है.
गौरतलब है कि रामेश्वर चौरसिया सासाराम के नोखा से चार बार विधायक रह चुके हैं. इस बार उनका सीट जदयू के हिस्से में जाने के बाद इनका टिकट स्वाभाविक तौर पर काट दिया गया.