मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिला में आई प्रलंयकारी बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. कई गांव टापू बन गए हैं, कई गांव पानी में डूब गए हैं. इस कारण लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई है. सुगौली प्रखंड का चिलझपटी गांव सिकरहना नदी की तबाही का गवाह बना है.
सिकरहना नदी ने ऐसी तबाही मचाई है कि गांव टापू बन गया है. ग्रामीण गांव से बाहर निकलने के लिए रस्सी के सहारे नदी की धारा को पार कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ से घिरे ग्रामीणों के लिए नाव की व्यवस्था भी नहीं की है. जान जोखिम में डालकर नदी की तेज धारा को रोजाना पार करने वाले ग्रामीणों का हर पल मौत से सामना होता है.
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से वे लोग बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं. लेकिन आज तक कोई उन्हें देखने नहीं आया है. नदी की तेज धारा में रस्सी के सहारे एनएच की ओर आ रहे राहुल साह ने बताया कि काफी कष्ट में जिंदगी कट रही है. घर में पानी घुस चुका है. लेकिन उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है.
ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी में काफी मुश्किल से जिंदगी कट रही है. घर में पानी घुस गया है. कुछ लोग घर में ही रह गए हैं और कुछ ने सड़क पर शरण ली है. वहीं भूषण साह ने बताया कि रस्सी के सहारे आने-जाने में खतरा ज्यादा है. गांव से निकलकर सड़क तक आने में कई लोग नदी की तेज धारा में बहने लगते हैं. जिन्हें बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
ग्रामीण राजेश कुमार ने बताया कि बाढ़ के पानी में काफी मुश्किल से जिंदगी कट रही है. घर में पानी घुस गया है. कुछ लोग घर में ही रह गए हैं और कुछ ने सड़क पर शरण ली है. वहीं भूषण साह ने बताया कि रस्सी के सहारे आने-जाने में खतरा ज्यादा है. गांव से निकलकर सड़क तक आने में कई लोग नदी की तेज धारा में बहने लगते हैं. जिन्हें बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.