सुशांत सिंह राजपूत के मौत मामले में सिर्फ बड़ी फिल्मी हस्तियां ही नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बुरी तरह घिर चुके हैं। हाल के दिनों में जो बातें सामने आई है उससे नीतीश बुरी तरह लपेटे में हैं। फिलहाल नीतीश कुमार के सामने चुनौती सुशांत मामले से खुद को बाहर निकालने की होगी।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले में पिता केके सिंह द्वारा पटना में एफआइआर दर्ज कराने के बाद बिहार में सियासत गरमाती दिख रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शोकाकुल परिवार से नहीं मिलने पर सवाल उठाए हैं, तो सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड के सहयागी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री को उनकी खामोशी को लेकर निशाने पर लिया है। कई नेताओं ने इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग रखी है लेकिन नीतीश कुमार की चुप्पी ही अपने उनपर कई सवाल खड़े कर रही है।
एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कर मामले में सीबीआइ जांच की मांग भी की है। चिराग ने बताया कि उन्होंने नीतीश कुमार से उद्धव ठाकरे से बात करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने (नीतीश कुमार ने) इसपर कोई पहल नहीं की। चिराग बीते कुछ समय से नीतीश सरकार के काम-काज पर सवाल खड़े करते रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत का मामला इसकी ताजा कड़ी है। इस मामले में उनके सुर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मिलते दिखे।
उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के सुशांत सिंह राजपूत के परिवार से मुलाकात नहीं करने का मुद्दा उठाया। चिराग के सुर में सुर मिलाते हुए तेजस्वी ने पूछा कि मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात कर मामले की सीबीआइ जांच की मांग क्यो नहीं की है? उन्होंने बिहार के राजगीर में बन रही फिल्म सिटी का नाम सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उदासीनता की भी बात कही।
वैसे नीतीश के पुराने ट्रेक रिकॉर्ड को देखें तो साफ पता चलता है कि नीतीश किसी भी विवादित मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहते। मामला जब विवादों में उलझा हो तो नीतीश अक्सर चुप्पी का चादव ओढ़ लेते हैं, लेकिन चुनाव के वक्त सुशांत मामले में उनकी चुप्पी अब सियासत का मुद्दा बन चुकी है। यही वजह है कि विपक्ष के अलावे सहयोगी भी अब खुलकर नीतीश पर हमला बोलने लगे हैं।