पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य में कोरोना से मुकाबले के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर जिला कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में पांच हजार बेड बढ़ाए जाएंगे. आरटीपी जीएन किट से भी अब 24 घंटे में कोरोना जांच की रिपोर्ट आ जाएगी. सीएम के निर्देशों पर अमल के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देश दिया गया. अस्पतालों में पीपीइ किट, ऑक्सीजन पाइप लगे बेडों की संख्या और रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. सभी डीएम को निजी अस्पतालों में भी बेड बढ़ाने की पहल करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दरें प्रमंडलीय आयुक्त या स्वास्थ्य विभाग को तय करने को कहा गया है.
सरकार ने कोविड अस्पतालों में किसी भी तरह की जानकारी या सुविधा के लिए अधिकारियों के सपोर्ट सिस्टम को भी तैनात कर रखा है, जिनसे संपर्क कर कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या का समाधान निकाल सकेगा. गुरुवार को सूचना सचिव अनुपम कुमार ने यह जानकारी दी. कई जिलों से आरटीपी सिस्टम से जांच में देर से रिपोर्ट मिलने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अब 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मुहैया कराने का निर्देश दिया है. सूचना सचिव और स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को विभिन्न अस्पतालों में 1100 बेडों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. इनमें पटना के ज्ञान भवन में 100 बेडों का डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाया गया है. पटना सिटी के गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में 100 अतिरिक्त बेड कोरोना इलाज के लिए निकाले गए हैं.
मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 400 अतिरिक्त बेडों का प्रबंध किया गया है. यहां 100 बेड पहले से कोरोना इलाज के लिए अधिकृत हैं. सिंह ने कहा कि सभी अस्पतालों में 13 हजार ऑक्सीजन सिलिंडर रखे गए हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें भी मुहैया कराई गई हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में इसकी खरीद भी की गई है. मार्च के बाद सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लिए 393 अतिरिक्त वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा अस्पतालों में एक लाख रैपिड एंटीजन टेस्ट किट मुहैया करा दिए गए हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि कोई भी व्यक्ति, जिसमें कोरोना की माइल्ड या आरंभिक या अनसिम्टोमेटिक लक्षण पाए गए हैं, उन्हें उनकी सुविधानुसार होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई है. होम आइसोलेशन में रहे ऐसे लोगों की स्वास्थ्य विभाग नियमित पड़ताल कर रहा है. जिनके पास होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं है, उन्हें जिला कोविड डेडिकेटेड सेंटर रख कर इलाज किया जा रहा है. पूरे राज्य में ऐसे सेंटरों में 40 हजार बेड हैं. इनमें 20 हजार बेडों को पूरी तरह तैयार रखा गया है. उन्होंने बताया कि जब सिम्टम ज्यादा दिखने लगे तो डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में इलाज कराया जाएगा. इन सेंटरों में चार हजार ऑक्सीजन लगे बेड उपलब्ध हैं. गंभीर स्थिति में पटना एम्स समेत राज्य के 10 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के कोविड स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया जाएगा, जहां साढ़े तीन हजार बेड हैं.