नेपाल और आसपास के सीमाई क्षेत्रों में बुधवार देर रात से हो रही मूसलधार बारिश ने उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों की चिंता बढ़ा दी है। गुरुवार को यूं तो बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, गंगा समेत अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से नीचे रहीं, पर शुक्रवार से एक बार फिर जलस्तर में वृद्धि के साथ खतरा बढ़ने की आशंका है। अगले 29 जून तक भारी बारिश के आसार को देखते हुए आपदा व जल संसाधन विभाग की टीम ने सुरक्षात्मक प्रबंधों को तेज कर दिया है।
मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक व बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। हालांकि बेनीबाद में बागमती का जलस्तर 48.26 मीटर पर रहा जो लाल निशान की ओर बढ़ रहा है। यहां लाल निशान 48.68 मीटर पर है। वहीं सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 46.16 मीटर रिकार्ड किया है। तटबंधों पर जलदबाव और रेन कट के खतरे को देखते हुए हुए मुजफ्फरपुर के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कटरा में बागमती तटबंध का जायजा लिया। चंपारण में वाल्मीकिनगर बराज से सुबह दस बजे 83,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पश्चिम चंपारण में सिकरहना व पंडई के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। भारी बारिश से पूर्वी चंपारण में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। यहां गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी है। अरेराज, संग्रामपुर, केसरिया के सरेह में पानी फैल रहा है।
